Health Tips for BP & Migraine :भागदौड़ भरी जिंदगी और गलत खान-पान ने आज हर घर में किसी न किसी को मरीज बना दिया है। चाहे वह अचानक बढ़ता ब्ल ड प्रेशर हो, सिर को फाड़ देने वाला माइग्रेन या फिर पैरों में होने वाली असहनीय जलन और सुन्नपन। इन समस्याओं का इलाज अब महंगी दवाइयों में नहीं, बल्कि आपके घर और आयुर्वेद के खजाने में छिपा है।
चंडीगढ़ स्थित वर्धन आयुर्वेदिक एंड हर्बल मेडिसिन्स के फाउंडर और मशहूर आयुर्वेद विशेषज्ञ सुभाष गोयल ने इन गंभीर बीमारियों के लिए कुछ बेहद सरल और प्रभावशाली नुस्खे बताए हैं, जो न सिर्फ बीमारी को कंट्रोल करते हैं बल्कि उसे जड़ से ठीक करने की क्षमता रखते हैं।
हाई बीपी और नींद न आने का रामबाण इलाज
अक्सर लोग पूछते हैं कि कितना नमक खाएं ताकि बीपी न बढ़े। आयुर्वेद का स्पष्ट मानना है कि नमक बहुत कम मात्रा में लेना चाहिए। जिनका बीपी हाई रहता है या जिन्हें स्किन की समस्या है, उन्हें साधारण नमक बंद करके ‘सेंधा नमक’ (Rock Salt) का इस्तेमाल करना चाहिए। सेंधा नमक कुदरती होता है और यह शरीर में मिनरल्स की कमी को पूरा करता है।
जिन लोगों का ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा रहता है, उनके लिए ‘सर्पगंधा’ एक वरदान है। सर्पगंधा का पाउडर बना लें और मात्र दो चुटकी पाउडर दूध के साथ लें। इससे बीपी एकदम सेट हो जाता है। यह नुस्खा उन लोगों के लिए भी जादुई है जिन्हें रात में नींद नहीं आती और वे करवटें बदलते रहते हैं। आधा चम्मच लेने से ही फटाफट और रिलैक्स नींद आ जाती है।
पैरों की जलन और यूरिन कंट्रोल की समस्या
कई बुजुर्गों और महिलाओं को पैरों में जलन और ऐंठन की शिकायत रहती है, जिससे वे रात भर सो नहीं पाते। इसका इलाज भी बहुत आसान है। सबसे पहले सुबह खाली पेट सलाद खाना शुरू करें।
दूसरा उपाय है ‘बबूल’ (कीकर) की फली। बबूल की फली का पाउडर बना लें। शाम को आधा चम्मच पाउडर पानी में घोलकर रख दें और रात को सोने से पहले इसे घूंट-घूंट करके पिएं। इससे पैरों और आंखों की जलन ठीक होती है और शरीर में नई चेतना आती है।
इतना ही नहीं, जिन लोगों को यूरिन (पेशाब) कंट्रोल करने में दिक्कत होती है या बाथरूम तक जाने से पहले ही यूरिन निकल जाता है, उनके लिए भी बबूल की फली का यह पाउडर बेहद फायदेमंद है। यह ब्लैडर की शक्ति को बढ़ाता है।
माइग्रेन का 100% पक्का इलाज
माइग्रेन एक ऐसी बीमारी है जो न सिर्फ मरीज को बल्कि उसके पूरे परिवार को परेशान कर देती है। कई बार डॉक्टर भी कह देते हैं कि यह जड़ से नहीं जाएगा, लेकिन आयुर्वेद में इसका पक्का इलाज है। इसके लिए चार जड़ी-बूटियों का मिश्रण तैयार करना होता है—शंखपुष्पी, ब्राह्मी, वचा और जटामांसी।
इन चारों का पाउडर बना लें (कुल 400 ग्राम)। अब इस 400 ग्राम पाउडर में 10 ग्राम गोदंती भस्म, 5 ग्राम प्रवाल पिष्टी और 5 ग्राम मुक्ता शुक्ति भस्म मिला लें। इस मिश्रण को मिक्सी में रगड़ कर एक कर लें। इसे एक चम्मच सुबह और एक चम्मच शाम को लेने से भयंकर से भयंकर माइग्रेन में भी आराम मिलता है।
पैरों का सुन्न होना और झनझनाहट
अगर आपके पैर बैठने पर सुन्न हो जाते हैं, झनझनाहट होती है या चलने पर झटका लगता है, तो यह नर्वस सिस्टम की कमजोरी का संकेत है। इसके लिए ‘नाड़ी गजकेसरी’ कैप्सूल और ‘पंचम हल्दी’ का सेवन बहुत लाभकारी बताया गया है।
साथ ही, अगर नियमित रूप से अच्छे च्यवनप्राश का सेवन किया जाए, तो 6 महीने के अंदर शरीर की अंदरूनी कमजोरी दूर हो जाती है और नसों में जान आ जाती है।
जानें पूरा मामला
यह जानकारी एक विशेष चर्चा के दौरान सामने आई, जहां सुभाष गोयल, जो कि प्रामाणिक आयुर्वेद चिकित्सा के लिए जाने जाते हैं, ने कथावाचक अनिरद्धाचार्य जी के साथ स्वास्थ्य संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए। सुभाष गोयल का संस्थान वर्षों से एक्यूट और क्रोनिक डिसऑर्डर से पीड़ित लाखों मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज कर रहा है और अब वे जन-जन तक आसान घरेलू उपचार पहुँचा रहे हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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बीपी कंट्रोल: सेंधा नमक अपनाएं और सर्पगंधा पाउडर (2 चुटकी) दूध के साथ लें।
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नींद की समस्या: सर्पगंधा का सेवन अनिद्रा में तुरंत राहत देता है।
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पैरों की जलन: बबूल (कीकर) की फली का पाउडर पानी में भिगोकर पीने से जलन और यूरिन की समस्या दूर होती है।
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माइग्रेन: शंखपुष्पी, ब्राह्मी, वचा और जटामांसी के मिश्रण में भस्म मिलाकर लेने से माइग्रेन ठीक होता है।
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नसों की कमजोरी: नाड़ी गजकेसरी और पंचम हल्दी का प्रयोग पैरों के सुन्नपन को दूर करता है।






