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2026 में 12 नहीं 13 महीने, जानिए Adhik Maas और Leap Year का रहस्य

विक्रम संवत 2083 में पड़ेगा अधिक मास, 17 मई से 15 जून तक मांगलिक कार्यों पर रहेगी रोक।

The News Air by The News Air
गुरूवार, 11 दिसम्बर 2025
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Adhik Maas
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Adhik Maas 2026 : 2026 की शुरुआत होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। आने वाला साल ज्योतिषीय और पंचांग के नजरिए से बेहद खास और अलग होने वाला है। जहां आम तौर पर एक साल में 12 महीने होते हैं, वहीं 2026 में 12 नहीं बल्कि 13 महीने होंगे। जिस तरह अंग्रेजी Calendar में Leap Year होता है, ठीक उसी तरह हिंदी पंचांग में इस बार अधिक मास का बड़ा संयोग बन रहा है।

17 May से शुरू होगा अधिक मास

विक्रम संवत पंचांग के अनुसार, वर्ष 2083 में 13 महीने गिने जाएंगे। यह स्थिति इसलिए बन रही है क्योंकि अंग्रेजी Calendar के साल 2026 में अधिक मास का आगमन हो रहा है। पंचांग की गणना के मुताबिक, यह अधिक मास 17 May से शुरू होकर 15 June 2026 तक चलेगा। यानी यह अतिरिक्त समय ज्येष्ठ महीने में जुड़ने वाला है, जिससे इस बार ज्येष्ठ का महीना सामान्य से अधिक लंबा होगा।

क्यों होता है 13 महीनों का साल?

हिंदी पंचांग में काल गणना (Time Calculation) सूर्य और चंद्रमा की गति पर आधारित होती है। सौर वर्ष (Solar Year) और चंद्र वर्ष (Lunar Year) के दिनों में अंतर होता है। गणित के अनुसार, जब सौर मास के 32 महीने पूरे होते हैं, तब तक चंद्रमास के 33 महीने हो जाते हैं। इसी वजह से सौर वर्ष और चंद्र वर्ष में हर तीसरे साल करीब एक महीने का अंतर आ जाता है।

इस अंतर को खत्म करने और समय का चक्र सही रखने के लिए ऋषि-मुनियों ने अधिक मास की व्यवस्था शुरू की थी। यह अधिक मास हर तीन साल में एक बार आता है। जिस संवत में यह जुड़ता है, वह साल स्वतः ही 13 महीनों का हो जाता है।

ऋतुओं और त्योहारों का संतुलन

अधिक मास की यह व्यवस्था केवल गणना तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका गहरा महत्व है। अधिक मास की वजह से ही हिंदी पंचांग और ऋतुओं के बीच का तालमेल बना रहता है। यदि अधिक मास की व्यवस्था न हो, तो त्योहारों का समय पूरी तरह बदल जाएगा।

उदाहरण के लिए, सावन का महीना कभी कड़ाके की ठंड में आ सकता है तो कभी भीषण गर्मी में। वहीं, होली जैसा त्योहार बारिश के मौसम में मनाना पड़ सकता है। इस तरह ऋतु और त्योहार का तालमेल पूरी तरह बिगड़ सकता है। इस अव्यवस्था को रोकने के लिए ही 13वें महीने का प्रावधान किया गया है।

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शुभ कार्यों पर रहेगी रोक

अधिक मास को ज्योतिष में शुभ नहीं माना गया है। मलिन होने की वजह से इसे ‘मलमास’ भी कहते हैं। इसलिए इस दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। 17 May से 15 June के बीच शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, योग और नामकरण जैसे संस्कारों पर रोक रहेगी।

इसके साथ ही, इस दौरान जमीन, मकान की खरीदारी या किसी नए कार्य और व्यापार का शुभारंभ करना भी वर्जित माना जाता है। हालांकि, आध्यात्मिक दृष्टि से यह समय बहुत महत्वपूर्ण है। जप, तप, भगवान विष्णु की पूजा और तीर्थ यात्रा के लिए अधिक मास का विशेष महत्व है।

मुख्य बातें (Key Points)
  • 2026 में हिंदी पंचांग के अनुसार 12 की जगह 13 महीने होंगे।

  • अधिक मास 17 May से 15 June 2026 तक रहेगा, जो ज्येष्ठ माह में जुड़ेगा।

  • सौर और चंद्र वर्ष के बीच समय के अंतर को खत्म करने के लिए हर तीन साल में अधिक मास आता है।

  • इस दौरान विवाह और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी, लेकिन विष्णु पूजा के लिए यह समय श्रेष्ठ है।

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