The News Air –कोरोना मरीज़ों की रफतार एक बार फिर से बढ़ने लगी है। सबसे ज़्यादा चिन्ता राजधानी दिल्ली और मुंबई को लेकर है, जहां हर दिन संक्रमितों का आंकड़ा एक नया रिकॉर्ड बना रहा है। मुंबई में बुधवार को एक बार फिर 15 हज़ार से ज़्यादा केस मिले हैं। यह पिछले साल 4 अप्रैल के बाद सबसे ज़्यादा केस है।
वहीं एक दिन में यह 39% का उछाल है। यहां 3 मरीज़ों की जान भी गई है। आज 1218 मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें 80 संक्रमित ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।
राजधानी दिल्ली में पिछले साल 12 मई यानी क़रीब 7 महीने बाद बुधवार को रिकॉर्ड 10 हज़ार 665 नए केस दर्ज़ किए गए हैं। इस दौरान 8 लोगों की मौत भी हुई है। इस तरह एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 23 हज़ार 307 हो गया है। वहीं पॉजिटिविटी रेट में 11.88% का उछाल आया है।
महाराष्ट्र और बंगाल समेत 8 राज्यों में ख़तरनाक स्थिति
देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के एंट्री के बाद कोरोना महामारी की रफतार अचानक से 6.3 गुना से ज़्यादा रफतार से बढ़ रही है। देश में 29 दिसंबर को रोज़ाना 9 हज़ार से ज़्यादा नए मरीज़ मिल रहे थे, जो 8 दिन बाद यानी बुधवार को 58 हज़ार के आंकड़े को पार गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। अग्रवाल ने बताया कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, झारखंड और गुजरात 8 ऐसे राज्य हैं जहां संक्रमण के आंकड़े काफ़ी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। ये हमारे लिए चिन्ता की बात है।
28 ज़िलों में पॉजिटिविटी रेट 10% से ज़्यादा
हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक़, देश के 28 ज़िले ऐसे हैं, जहां वीकली पॉजिटिविटी रेट में 10% से ज़्यादा का उछाल दर्ज़ किया गया है। वहीं 43 ज़िले ऐसे हैं जहां संक्रमण की दर 5 से 10 फ़ीसदी के बीच दर्ज़ की गई है। इसी तरह देशभर में 29 दिसंबर 2021 को पॉजिटिविटी रेट 0.79% पर था जो 5 जनवरी को 5.03% के स्तर पर पहुंच गया। इस तरह संक्रमण में अचानक से एक बड़ी उछाल दर्ज़ की गई है।
अच्छी बात ये कि अस्पताल कम लोग गए
हालांकि इन डरावने आंकड़ों और ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच राहत की बात ये है कि बढ़ते संक्रमण के बाद भी अब तक ऐसे कम ही मरीज़ मिले हैं, जिन्हें अस्पताल मे भर्ती कराने की ज़रूरत पड़ी हो। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हमें कोरोना की तीसरी लहर से डरना नहीं है, बल्कि सावधानी के साथ अनुशासन का पालन करते हुए आगे की हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने की ज़रूरत है।
15 से 18 उम्र वाले 7.40 करोड़ बच्चों का होगा वैक्सीनेशन
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक के बच्चों को वैक्सीन देना शुरू कर दिया गया है। देश में इस ऐज ग्रुप के 7.40 करोड़ बच्चे हैं, जिन्हें वैक्सीनेट किया जाना है। वहीं 10 जनवरी से हेल्थ केयर, फ्रंट लाइन वर्कर्स और कोर्मोबिडिटीज यानी गंभीर बिमारी से जूझ रहे 60 से ज़्यादा उम्र वालों को प्रिकॉशन डोज़ दिया जाना है। उन्हें जिस तरह से वैक्सीन का पहला और दूसरा डोल दिया गया, उसी तरह तीसरा डोज़ भी दिया जाएगा।
मोल्नुपिराविर नेशनल टास्क ट्रीटमेंट में शामिल नहीं
ICMR के DG डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा- मोल्नुपिराविर को लेकर सेहत संबंधी गंभीर सवाल हैं। इससे सेल्स, मसल्स और हड्डियों को नुक्सान पहुंच सकता है। बच्चों से संबंधित शंकाएं हैं। इसलिए इसे नेशनल टास्क ट्रीटमेंट में शामिल नहीं किया गया है।
4 जनवरी को दुनिया में रिकॉर्ड मरीज़ मिले
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 4 जनवरी को वैश्विक स्तर पर कोरोना के 25.2 लाख मामले दर्ज़ किए गए, जो महामारी की शुरुआत के बाद से अब तक सबसे ज़्यादा है। 4 जनवरी को ख़त्म हुए सप्ताह में लगभग 65% मामले अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और स्पेन से सामने आए हैं। वहीं, दुनियाभर के देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से मरने वालों की संख्या 108 हो गई है।