नई दिल्ली (New Delhi), 17 जनवरी (The News Air): केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को मंजूरी दे दी है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों (Central Employees) और पेंशनर्स (Pensioners) को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। इस फैसले से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स का वेतन और महंगाई भत्ता (DA) बढ़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की मंजूरी के बाद अब कर्मचारियों को उनके वेतन में बढ़ोतरी का सीधा लाभ मिलने वाला है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने कहा कि यह फैसला वित्त वर्ष 2025-26 (FY 2025-26) के बजट से पहले लिया गया है, जो कर्मचारियों के लिए एक बड़ा उपहार साबित होगा। यह वेतन बढ़ोतरी न केवल कर्मचारियों की क्रय शक्ति को बढ़ाएगी, बल्कि यह अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक असर डालेगी।
8वें वेतन आयोग में बढ़ोतरी: Fitment Factor और वेतन का गणना कैसे होगा? : वेतन आयोग की घोषणा से संबंधित सबसे अहम मुद्दा फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) है। रिपोर्ट्स के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़कर 2.86 होने की संभावना जताई जा रही है। यह केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) के मूल वेतन का कैलकुलेशन करने में अहम भूमिका निभाता है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो न्यूनतम मूल वेतन (Minimum Basic Salary) 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है।
पिछले वेतन आयोगों की तुलना करें तो, 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जबकि 6वें वेतन आयोग (6th Pay Commission) में यह 1.86 था। इन बदलावों से कर्मचारियों के वेतन में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई थी।
फिटमेंट फैक्टर: क्या है इसका महत्व? : फिटमेंट फैक्टर वेतन आयोग का एक अहम हिस्सा है। यह कर्मचारियों के मौजूदा वेतन को नए वेतनमान में बदलने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे एक “मल्टीप्लायर” के रूप में समझा जा सकता है, जो कर्मचारियों के मूल वेतन को एक निश्चित गुणांक से गुणा करता है। इस गुणा के बाद जो संख्या आती है, वह कर्मचारी का नया वेतन बनता है, जिससे महंगाई भत्ते और अन्य भत्ते भी कैलकुलेट होते हैं।
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कर्मचारी का मौजूदा बेसिक वेतन (Basic Salary) 18,000 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, तो उसका नया वेतन 46,260 रुपये होगा।
वेतन आयोग का उद्देश्य और कर्मचारियों पर प्रभाव : वेतन आयोग (Pay Commission) सरकार द्वारा गठित एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के वेतन संरचना का पुनर्मूल्यांकन करना और सुधारों का प्रस्ताव देना है। इस प्रक्रिया में महंगाई, अर्थव्यवस्था, और कर्मचारियों के भत्तों का भी ध्यान रखा जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी कर्मचारियों को उनके योगदान के अनुरूप उचित वेतन मिले।
8वें वेतन आयोग की घोषणा से केंद्रीय कर्मचारियों में खुशी की लहर है, क्योंकि वेतन में वृद्धि से उनकी क्रय शक्ति (Purchasing Power) बढ़ेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। यह निर्णय सरकारी खर्चों (Government Expenditure) पर भी असर डाल सकता है, जिसे सरकार को राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) को नियंत्रित करते हुए संतुलित करना होगा।