शिमला 17 अक्टूबर (The News Air): हिमाचल समेत देश के ठंडे क्षेत्रों में अब कीवी की पैदावार की उम्मीद जगी है। डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के शोधकर्ताओं ने सिक्किम के लाचेन क्षेत्र में कीवी (एक्टिनीडिया कैलोसा वार स्ट्रीगीलोसा) की एक ऐसी प्रजाति ढूंढी है, जो 2,800 मीटर की ऊंचाई पर उगाई जा सकेगी। अभी तक केवल 800 से 1500 मीटर की ऊंचाई तक ही कीवी फल की पैदावार हो पा रही है। वैज्ञानिकों का दावा है कि कीवी की यह जंगली प्रजाति लुप्त होने के कगार है। वैज्ञानिकों ने कीवी के जर्मप्लाज्म को संरक्षित करके इस पर शोध शुरू कर दिया गया है।
नौणी विवि के क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र मशोबरा के सह निदेशक डॉ. दिनेश सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में विवि के पीएचडी शोधार्थी अभिलाष प्रधान ने पूर्वोत्तर भारत में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले जंगली कीवी फल को ढूंढा है। भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के नौणी स्थित हाई एल्टीट्यूड वेस्टर्न हिमालयन रीजनल सेंटर के वैज्ञानिक डॉ. कुमार अंबरीष ने इसकी टैक्सोनोमिक पहचान की पुष्टि की है। विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ. संजीव चौहान ने बताया कि जंगली प्रजाति मिलने से कीवी की खेती का विस्तार 2800 मीटर तक की ऊंचाई तक हो सकता है।