Kitchen Vastu Tips: हर भारतीय घर की रसोई की जान और आधारशिला ‘चकला-बेलन’ केवल रोटियां बनाने का उपकरण नहीं है, बल्कि यह सीधे तौर पर आपके भाग्य और Vastu से जुड़ा हुआ है। अक्सर हम बाजार से कोई भी चकला खरीद लाते हैं, लेकिन वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, इसका गलत रंग और गलत धातु आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा और मुसीबतों का कारण बन सकता है।
चकला-बेलन एक ऐसी चीज है जो अमीर हो या गरीब, हर किसी के घर में जरूर मिलता है। महिलाओं की बुद्धिमानी इतनी तेज होती है कि अगर कभी चकला न भी मिले, तो वे थाली पलटकर रोटियां बना लेती हैं। लेकिन जब बात घर की बरकत की हो, तो सही चकले का चुनाव करना बेहद जरूरी हो जाता है।
काला और नीला रंग है अशुभ
बाजार में कई तरह के Designer चकले मिलते हैं, लेकिन खरीदते समय रंगों का खास ध्यान रखना चाहिए। वास्तु के नजरिए से काला और नीला रंग शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए काले या नीले रंग का चकला खरीदने से हमेशा बचना चाहिए।
अगर आप शुभता चाहते हैं, तो सफेद रंग का चकला सबसे अच्छा माना जाता है। इसके अलावा भूरे (Brown), हरे या हल्के पीले रंग का चकला भी घर के लिए बहुत शुभ होता है और सकारात्मकता लाता है।
लकड़ी की पहचान और सावधानी
ज्यादातर घरों में लकड़ी का चकला इस्तेमाल होता है, जिसे उत्तम माना गया है। लेकिन लकड़ी की Quality पर ध्यान देना जरूरी है। आम, सागौन (Teak) या शीशम की लकड़ी का चकला सबसे बेहतरीन होता है। वहीं, बबूल या यूकेलिप्टस जैसी लकड़ियों से बने चकले हानिकारक हो सकते हैं।
लकड़ी के चकले के साथ एक समस्या यह है कि यह तेल ज्यादा सोखता है। अगर इसकी साफ-सफाई ठीक से न की जाए, तो इसमें Fungus (फफूंद) लग सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है। इसलिए इसकी सफाई का खास ख्याल रखें।
स्टील और पत्थर का उपयोग
आजकल Steel या लोहे के चकले का भी चलन है, लेकिन यह शनि (Shani) को आकर्षित करता है। अगर आप स्टील का चकला-बेलन इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो उपयोग से पहले उस पर थोड़ा सा दूध और सरसों का तेल मलकर उसे साफ जरूर कर लें।
वहीं, संगमरमर (Marble) का चकला चंद्र ग्रह से प्रभावित होता है। इसके दोष को दूर करने के लिए इस्तेमाल से पहले इसे नमक के पानी से धोना चाहिए। कोशिश करें कि चकला और बेलन दोनों एक ही धातु या Material के बने हों, यह निश्चित रूप से अच्छा होता है।
प्लास्टिक को कहें ना
सेहत और Vastu दोनों ही दृष्टि से Plastic का चकला-बेलन कभी भी प्रयोग में नहीं लाना चाहिए। यह बिल्कुल भी शुभ नहीं होता है और इससे घर में नकारात्मकता आ सकती है।
क्या है पृष्ठभूमि
भारतीय वास्तु शास्त्र में घर की छोटी-छोटी चीजों का गहरा प्रभाव बताया गया है। रसोई घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है और चकला-बेलन वहां का मुख्य उपकरण है। यह जानकारी उन लोगों के लिए बेहद अहम है जो अनजाने में गलत धातु या रंग का प्रयोग कर वास्तु दोष को निमंत्रण दे रहे हैं। सही जानकारी से न केवल स्वास्थ्य बेहतर रहता है, बल्कि ग्रहों की स्थिति भी अनुकूल बनी रहती है।
मुख्य बातें (Key Points)
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काले और नीले रंग का चकला घर में लाने से बचें, सफेद और हल्का पीला रंग सबसे शुभ होता है।
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लकड़ी का चकला आम, सागौन या शीशम का ही खरीदें; बबूल की लकड़ी अशुभ मानी जाती है।
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Plastic का चकला सेहत और वास्तु दोनों के लिए हानिकारक है, इसका प्रयोग बिल्कुल न करें।
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स्टील का चकला शनि और संगमरमर का चकला चंद्रमा से जुड़ा है, इन्हें खास तरीके से साफ करके ही इस्तेमाल करें।






