नई दिल्ली (The News Air): विविधताओं से भरे इस देश में त्योहारों की कोई कमी नहीं है। सावन आते है त्योहारों की झड़ी लगती है। जी हां आपको बता दें कि उत्तरी गोवा के मार्सेल में कल यानी बीते शुक्रवार को लोगों ने बड़ी संख्या में ‘चिखल कालो’ (कीचड़ उत्सव) मनाया गया है। दरअसल यह अनोखा त्योहार कई दशकों से मार्सेल में एक वार्षिक आयोजन रहा है, जिसे हर साल मनाया जाता है। आइए जानते है इस अनोखे त्यौहार के बारे में…
दरअसल ‘चिखल कालो’ एक ऐसा त्यौहार है जो मूल रूप से मिट्टी में खेलने और इसे एक-दूसरे पर छिड़कने के बारे में है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि पिछली चार शताब्दियों से यहां मनाया जाता रहा है। दरअसल भगवान कृष्ण अपने बचपन में जो खेल खेलते थे, वे इस त्योहार के दौरान प्रतिभागियों द्वारा खेले जाते हैं। गांव के बच्चे, युवा और वरिष्ठ नागरिक पारंपरिक खेल खेलकर और एक-दूसरे पर कीचड़ उछालकर उत्सव में भाग लेते देखे गए।
इस उत्सव के बारे में ग्रामीणों के अनुसार, माता-पिता अपने नवजात शिशुओं को इस त्योहार को देखने के लिए लाते हैं और उनके माथे पर मिट्टी लगाई जाती है। इस त्यौहार को लेकर लोगों का दृढ़ विश्वास है कि यह मिट्टी त्वचा रोगों को ठीक करने में मदद करती है।इस बार मड फेस्टिवल में गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे भी शामिल हुए। उन्होंने कहा, “मार्सेल गांव में राज्य स्तर पर इस अद्वितीय चिखल कालो को आयोजित करने का निर्णय गोवा में पर्यटन के एक नए अवसर को बढ़ावा देना है।”
#WATCH | Traditional mud festival locally known as ‘Chikhal Kalo’ celebrated in Goa’s Marcel village (30.06) pic.twitter.com/ci6htF80Ui
— ANI (@ANI) July 1, 2023
इस त्यौहार के बारे में बात करते हुए मंत्री ने कहा, “हम सांस्कृतिक रूप से समृद्ध हैं और इसे दुनिया को दिखाने की जरूरत है।” उन्होंने आगे कहा कि दुनिया गोवा को एक पर्यटन स्थल के रूप में पहचानती है। लोग गोवा की प्राकृतिक सुंदरता, वनस्पतियों और जीवों के कारण आकर्षित होते हैं। इसके अलावा, गोवा में एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है और सरकार आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है।” हर साल यह त्यौहार धूमधाम से मनाया है।