Kejriwal Vs Election Commission: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) अपने ‘यमुना में जहर मिलाने’ वाले बयान को लेकर घिरते नजर आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की शिकायत के बाद चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) ने उनसे जवाब मांगा था, लेकिन अब आयोग उनके उत्तर से संतुष्ट नहीं हुआ है।
➡️ ECI ने कहा – केजरीवाल ने आरोपों के सबूत नहीं दिए!
➡️ आयोग ने 5 बड़े सवाल पूछे, 31 जनवरी तक जवाब देने का अल्टीमेटम!
➡️ BJP ने की कानूनी कार्रवाई की मांग, AAP ने कहा – ‘हम डरने वाले नहीं’
चुनाव आयोग के 5 बड़े सवाल!
चुनाव आयोग ने कहा कि केजरीवाल का जवाब ठोस तथ्यों पर आधारित नहीं है और ‘समाज में दुश्मनी व अव्यवस्था फैलाने’ जैसा प्रतीत होता है। आयोग ने उनसे 31 जनवरी सुबह 11 बजे तक इन 5 अहम सवालों के जवाब मांगे हैं:
1️⃣ हरियाणा सरकार ने यमुना में कौन सा ‘जहर’ मिलाया?
2️⃣ इस जहर की मात्रा, प्रकृति और इससे संभावित नरसंहार का सबूत क्या है?
3️⃣ किस स्थान पर यह जहर मिलाया गया?
4️⃣ दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के किन इंजीनियर्स ने इसका पता लगाया और कैसे?
5️⃣ इंजीनियर्स ने दिल्ली में जहरीला पानी घुसने से रोकने के लिए कौन सा तरीका अपनाया?
क्या था अरविंद केजरीवाल का बयान?
सोमवार को अरविंद केजरीवाल ने कहा था – “हरियाणा (Haryana) की BJP सरकार ने यमुना (Yamuna) के पानी में जहर मिला दिया था। अगर दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के इंजीनियर्स ने इसे नहीं रोका होता, तो दिल्ली में नरसंहार हो जाता।”
इस बयान के बाद BJP ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि केजरीवाल झूठा प्रचार कर रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं।
केजरीवाल का जवाब – “दिल्ली का पानी पीने लायक नहीं!”
👉 केजरीवाल ने 14 पन्नों का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा: “दिल्ली को हरियाणा से जो कच्चा पानी मिलता है, उसमें अमोनिया (Ammonia) का स्तर इतना ज्यादा था कि हमारे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट इसे साफ नहीं कर पा रहे थे। अगर यह पानी पीने लायक नहीं है, तो क्या यह जहर नहीं है?”
👉 AAP का पलटवार – “BJP हमें डराने की कोशिश कर रही है!”
AAP नेता सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) ने कहा – “केजरीवाल जी ने जो कहा, वह जनता की सेहत से जुड़ा मुद्दा है। BJP सच्चाई छिपाने के लिए चुनाव आयोग का सहारा ले रही है। हम डरने वाले नहीं हैं!”
क्या सच में जहरीला हो गया था यमुना का पानी?
✅ विशेषज्ञों के मुताबिक, यमुना नदी में अमोनिया का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था।
✅ 25 जनवरी को DJB ने रिपोर्ट दी थी कि अमोनिया का स्तर 9.0 PPM तक चला गया था, जो मानक 0.5 PPM से 18 गुना ज्यादा है!
✅ ज्यादा अमोनिया के कारण दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स (WTPs) को बंद करना पड़ा था, जिससे कई इलाकों में जल संकट हो गया था।
चुनाव आयोग का सख्त रुख – ‘फैक्ट्स और सबूत लाओ!’
➡️ चुनाव आयोग ने कहा कि केजरीवाल को अमोनिया प्रदूषण और ‘यमुना में जहर’ को अलग-अलग बताना चाहिए।
➡️ आयोग का कहना है कि BJP और AAP के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से अलग, जनता को सही जानकारी मिलनी चाहिए।
➡️ अगर केजरीवाल 31 जनवरी तक ठोस सबूत नहीं देते, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है!
अब आगे क्या होगा?
📌 31 जनवरी – चुनाव आयोग को केजरीवाल का जवाब मिलेगा।
📌 ECI की रिपोर्ट के बाद तय होगा कि कोई सजा दी जाएगी या नहीं।
📌 BJP की मांग – अगर केजरीवाल सबूत नहीं देते, तो उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाए।
क्या केजरीवाल अपने दावे को साबित कर पाएंगे? या यह सिर्फ एक चुनावी विवाद बनकर रह जाएगा?
📢 लेटेस्ट अपडेट्स के लिए हमारे साथ बने रहें!