The News Air- (चंडीगढ़) पंजाब में आम आदमी पार्टी ने बेअदबी पर सियासी दांव खेल दिया है। पटियाला में शांति मार्च के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चुनाव के पहले पंजाब के दुश्मनों ने गंदी हरकतें शुरू कर दी हैं। कुछ दिन पहले श्री दरबार साहिब में बेअदबी की कोशिश की गई। जिस शख़्स ने यह कोशिश की, उसका मास्टरमाइंड कौन है?। अभी तक वह पकड़ा क्यों नहीं गया?। सरकार ने 48 घंटे का समय लिया था, 10 दिन से ज़्यादा होने पर क्यों नहीं पकड़ा।
कुछ दिन बाद लुधियाना में बम ब्लास्ट हो गया। किसने करवाया, उसका मास्टरमाइंड नहीं पकड़ा गया। 2017 में भी मौड़ मंडी में बम ब्लास्ट किया गया। 2015 में बेअदबी की गई। अगर 2015 के मास्टरमाइंड को बेअदबी की सज़ा दी ज़ाती तो किसी की दोबारा हिम्मत नहीं होती। पंजाब के अंदर माहौल ख़राब करने की कोशिश की जा रही है।
चन्नी सरकार कमज़ोर, कांग्रेस में CM बनने की लड़ाई हो रही
अगर हमने इन पार्टियों के नेताओं के हवाले पंजाब को छोड़ दिया तो राज्य बर्बाद हो जाएगा। 3 करोड़ पंजाबियों को पंजाब बचाने के लिए इकट्ठा होना पड़ेगा। पंजाबी कभी उन ताक़तों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे। पंजाब में अब जनता फ़ैसले लेगी और सरकार उसे लागू करेगी। मुझे दुख है कि पंजाब में इससे कमज़ोर सरकार नहीं आई। वह आपस में लड़ रहे हैं। किसी को पंजाब की फ़िक्र नहीं। उनमें CM बनने के लिए लड़ाई हो रही है। मौजूदा सरकार पंजाब में शांति बनाए रखने में असमर्थ है।
साथ दिखे भगवंत मान
पंजाब में पहली बार अरविंद केजरीवाल सांसद भगवंत मान को तरजीह देते दिखे। पटियाला में शांति मार्च के दौरान भगवंत मान उनके साथ रहे। दिल्ली से आए राघव चड्ढा और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल चीमा पीछे रहे। जब केजरीवाल ने मार्च के अंत में लोगों को संबोधित किया तो उनके साथ सिर्फ़ भगवंत मान ही नज़र आए। इससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के CM चेहरे की तलाश भगवंत मान पर आकर ख़त्म हो सकती है।
कैप्टन के गढ़ में दिखाई ताक़त
आम आदमी पार्टी ने पटियाला में ताक़त दिखाई। पटियाला कैप्टन अमरिंदर सिंह का गढ़ है। हालांकि अब कैप्टन न सीएम हैं और न ही कांग्रेस में हैं। पटियाला में कांग्रेस भी गुटबाज़ी में बँटी हुई है। ऐसे में केजरीवाल का शांति मार्च का दांव सीधे तौर पर इसका ख़ालीपन का फ़ायदा उठा ख़ुद को ताक़तवर करने की है।