The News Air: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन (Electric Vehicles in Delhi) खरीदने वालों को बड़ा तोहफा देने का ऐलान किया है। दिल्ली सरकार की योजना अपने कर्मचारियों को मासिक किस्त (EMI) पर ई-दुपहिया वाहन मुहैया कराने की है। दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक वाहन खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने ये प्लान बनाया है।
दिल्लीवालों को दी जाएगी सब्सिडी
केजरीवाल सरकार ने ई-साइकिल को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को एक प्रमुख योजना की घोषणा की। इसके तहत पहले 10,000 इलेक्ट्रिक साइकिल खरीददारों को 5,500 रुपये तक का प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि पहले 1,000 खरीददारों को अतिरिक्त 2,000 रुपये का फायदा मिलेगा।
इसके अलावा कमर्शियल इस्तेमाल के लिए हैवी ड्यूटी कार्गो ई-साइकिल और ई-कार्ट की खरीद पर भी सब्सिडी दी जाएगी। कार्गो ई-साइकिल पर सब्सिडी पहले 5,000 खरीदारों के लिए प्रत्येक के लिए 15,000 रुपये होगी। हालांकि, दिल्ली ईवी पॉलिसी के तहत सिर्फ राजधानी निवासी ही इस सब्सिडी योजना का लाभ उठा सकते हैं।
दिल्ली सरकार के कर्मचारियों को होगा फायदा
एक अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि दिल्ली सरकार अपने कर्मचारियों को इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहन मुहैया कराने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत आने वाली कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (CESL) के साथ साझेदारी करने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में रजिस्टर्ड नए वाहनों में दो तिहाई संख्या दुपहिया (स्कूटर और मोटरसाइकिल) वाहनों की होती है। इसे देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि राजधानी में वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए इस हिस्से को ई-वाहनों में तब्दील किया जाए।
EMI का चुन सकते हैं विकल्प
अधिकारियों के अनुमान के मुताबिक, दिल्ली सरकार के तहत दो लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। एक अन्य अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए इलेक्ट्रिक दुपहिया योजना से आम जनता को ऐसे वाहन अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को उनके विभाग के जरिए इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहन खरीदने के लिए बढ़ावा मिलेगा। उनके पास डाउन पेमेंट करने या EMI चुनने का विकल्प होगा।
CESL के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पिछले साल नवंबर में दिल्ली सरकार से संपर्क किया था और साझेदारी पर बातचीत चल रही है। CESL राजमार्गों और एक्सप्रेसवे समेत राजधानी में चार्जिंग के बुनियादी ढांचे का निर्माण करने और उसके रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगी। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कंपनी ने केरल, गोवा और आंध्र प्रदेश से पहले ही करार कर लिया है।