Lok Sabha Chunav 2024: अमित शाह (Amit Shah) ने जवाब दिया कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) विक्टिम कार्ड नहीं खेल सकते, क्योंकि अदालत ने दिल्ली के सीएम के इस दावे को खारिज कर दिया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से उनकी गिरफ्तारी अवैध थी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से फटकार मिली है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 2 जून को तिहाड़ जेल में वापस आ जाएंगे और जब भी वो लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए बाहर जाएंगे, तो लोग उन्हें “शराब घोटाले के मास्टरमाइंड” की तरह ही देखेंगे। Times of India के साथ एक इंटरव्यू में, अमित शाह से पूछा गया कि क्या केजरीवाल और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, जो दोनों भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं, उन्हें उनकी गिरफ्तारी के कारण उनके राज्यों में सहानुभूति मिलेगी?
शाह ने जवाब दिया कि केजरीवाल विक्टिम कार्ड नहीं खेल सकते, क्योंकि अदालत ने दिल्ली के सीएम के इस दावे को खारिज कर दिया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से उनकी गिरफ्तारी अवैध थी।
शाह ने TOI को बताया, “अरविंद केजरीवाल जी यह दावा करते हुए सुप्रीम कोर्ट गए कि उनकी गिरफ्तारी अवैध थी और उन्हें फटकार मिली। इसलिए, सुनवाई के दौरान, उन्होंने अपना रुख बदल दिया और जमानत पर रिहाई की मांग की, जिसे अदालत ने एक बार फिर खारिज कर दिया। अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी। जमानत में कहा गया है कि आप एक पार्टी के अध्यक्ष हैं और प्रचार करना आपका लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन आपको 2 जून को वापस जेल आना होगा। उन्हें न तो निर्दोष ठहराया गया है और न ही उन्हें जमानत दी गई है। वो 2 जून को तिहाड़ जेल में वापस आएंगे।”
शाह ने कहा कि केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए राजनीति में प्रवेश किया, लेकिन सीएम बनने के बाद वो खुद भ्रष्टाचार में लिप्त हो गए।
शाह ने कहा, “यहां एक व्यक्ति है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ योद्धा होने का दावा करते हुए राजनीति में आया, उसने कभी राजनीति में नहीं आने की कसम खाई थी, लेकिन वह सीएम बन गया औपर फिर भ्रष्टाचार में लिप्त हो गया।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि जिस व्यक्ति ने एक बार कहा था कि वो कभी भी सरकारी आवास में नहीं रहेगा, उसने लोगों के पैसे से एक “आलीशान बंगला”- शीश महल – बना लिया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने CBI और ED जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग के विपक्ष के आरोपों को भी खारिज कर दिया और कहा कि बिना सबूत के कभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। शाह ने कहा कि उन्हें खुद ‘मनगढ़ंत आरोपों’ के आधार पर ‘जेल में डाल दिया गया’।
उन्होंने कहा, “मोदी के सत्ता संभालने के बाद से दर्ज किए गए 5,155 PMLA मामलों में से केवल 3% में राजनेता शामिल हैं। इसे छोड़ दें। क्या इनमें से हर एक जांच के मामले में अदालतों का दरवाजा नहीं खटखटाया गया है? केस को खत्म क्यों नहीं किया गया? अब मेरी बात देखिए उदाहरण के लिए, मुझे मनगढ़ंत आरोपों के आधार पर जेल में डाल दिया गया था, लेकिन मैं यह रोना नहीं रोता था कि मैं बदले का शिकार था, यह अदालत थी, जिसने न केवल मामले को रद्द कर दिया, बल्कि यह भी कहा कि ये सब खत्म हो गया। मामला राजनीति से प्रेरित था।”