The News Air (चंडीगढ़)-पंजाब में चुनावी माहौल के बीच केंद्र सरकार गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व के मद्देनज़र आज करतारपुर कॉरिडोर खोलने की घोषणा कर सकती है। PM ऑफ़िस ने विदेश मंत्रालय को इस मामले से जुड़े सभी ज़रूरी दस्तावेज़ पूरे करने के लिए कह दिया है। 18 नवंबर को 250 श्रद्धालुओं का जत्था जा सकता है। BJP नेता हरजीत ग्रेवाल ने भी इस दावे की पुष्टि की है।
गौरतलब है कि मार्च 2020 से करतारपुर कॉरिडोर बंद है। पिछले दिनों पाकिस्तान को कैटेगरी-C में रख करतारपुर कॉरिडोर खोलने के संकेत दिए थे। हालांकि भारत ने इस पर कोई फ़ैसला नहीं लिया था। वहीं कोरोना का असर ख़त्म होने के बाद CM चरणजीत सिंह चन्नी, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की प्रधान बीबी जगीर कौर और अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था।इसके बाद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी डेरा बाबा नानक गए और करतारपुर कॉरिडोर खोलने की अरदास की।
पिछले तीन दिन से BJP की पंजाब इकाई का एक शिष्टमंडल प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा की अध्यक्षता में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी इस मामले में मिला है। कॉरिडोर गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व से एक दिन पहले खोलने की घोषणा प्रधानमंत्री आज कर सकते हैं। PM ऑफ़िस ने भी कॉरिडोर खोलने के लिए गृह मंत्रालय को काग़ज़ी कार्रवाई पूरी करने के लिए कह दिया है।
कोरोना नियमों का पालन ज़रूरी
तक़रीबन 20 महीनों के बाद करतारपुर कॉरिडोर खुला तो इसके लिए सबसे अहम शर्त कोरोना गाइडलाइंस के पालन की होगी। लोगों को कोविड वैक्सीनेशन की दोनों डोज़ के अलावा 72 घंटे से कम समय का RT-PCR टेस्ट की रिपोर्ट भी चाहिए होगी।
सिखों के लिए महत्वपूर्ण है करतारपुर साहिब
करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थान है। सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव का यह निवास स्थान है और यहीं उनका निधन हुआ। उन्होंने अपनी ज़िंदगी के तक़रीबन 17-18 साल यहीं गुज़ारे थे। करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल ज़िले में स्थित है और भारतीय सीमा से 3-4 किमी की दूरी पर है। बँटवारे के समय यह स्थान पाकिस्तान में चला गया। तब से लोग डेरा बाबा नानक में लगी दूरबीन से इस पावन स्थल के दर्शन करते थे।
2019 में शुरु हुआ करतारपुर कॉरिडोर
करतारपुर कॉरिडोर का उद्धाटन 9 नवंबर 2019 को हुआ था। भारत में पंजाब के डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। वहीं पाकिस्तान भी सीमा से नारोवाल ज़िले में स्थित गुरुद्वारे तक कॉरिडोर का निर्माण हुआ है। इसी को करतारपुर साहिब कॉरिडोर कहा जाता है।
बिना वीज़ा जा सकते हैं दर्शनों के लिए
करतारपुर कॉरिडोर के बनने से तीर्थयात्री बिना वीज़ा गुरुद्वारे के दर्शन करने के लिए जा सकते हैं। इसके लिए सिर्फ़ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। इस कॉरिडोर को भारत और पाकिस्तान के संबंधों में सुधार की ओर एक क़दम के तौर पर देखा गया। कॉरिडोर खुल जाने से भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के टूरिज्म को भी फ़ायदा होगा। पाकिस्तान और भारत के सरहदी इलाक़े के लोगों को इस कॉरिडोर के कारण रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं।