मुडा जमीन आवंटन मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने राज्यपाल थावरचंद गहलोत के आदेश को चुनौती दी है. हाल ही में राज्यपाल नेमैसूर शहरी विकास प्राधिकरण मामले में सीएमखिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी. मुडा मामले में सीएम सिद्धारमैया पर गड़बड़ी के आरोप हैं. एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
राज्यपाल के आदेश के बाद कर्नाटक में सियासी बवाल खड़ा हो गया है. सत्ताधारी दल के नेता मुख्यमंत्री का बचाव कर रहे हैं तो वहीं विपक्ष सिद्धारमैया को घेरने की कोशिश में लगा है. इस बीच मुख्यमंत्री ने हाई कोर्ट का रुख कर लिया है.
राज्यपाल के फैसले पर भड़के सिद्धारमैया
राज्यपाल के आदेश पर सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि पूरा मंत्रिमंडल, पार्टी हाईकमान, सभी विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा सांसद मेरे साथ हैं. बीजेपी, जेडीएस और अन्य दलों ने लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार को हटाने की साजिश रची है. मैंने ऐसा कोई गलत काम नहीं किया है कि इस्तीफा देना पड़े. कर्नाटक के राज्यपाल का फैसला संविधान विरोधी और कानून के खिलाफ है. मैं इसे कोर्ट में चुनौती दूंगा.
राज्यपाल ने दी थी केस चलाने की अनुमति
टीजे अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा की तरफ से दायर याचिकाओं पर राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने अपना फैसला सुनाया था और सीएम के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी. इससे पहले 1 अगस्त को कर्नाटक सरकार ने राज्यपाल को मुख्यमंत्री को जारी ‘कारण बताओ नोटिस’ वापस लेने की सलाह दी थी. सरकार ने राज्यपाल पर संवैधानिक कार्यालय के दुरुपयोग का आरोप लगाया था. इससे पहले राज्यपाल ने सीएम को नोटिस जारी कर पूछा था कि आपके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस चलाने की अनुमति क्यों ना दी जाएं?