Kanwar Yatra: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में नेमप्लेट को लेकर ऐसा विवाद छिड़ा है कि माहौल गर्मा गया है। इस साल 22 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर यूपी सरकार (UP Goverment) ने बड़ा आदेश दिया है। इसके मुताबिक उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा वाले रूट पर खाने-पीने का बेचने वाले सभी दुकानदारों को दुकान के बाहर नेमप्लेट लगानी होगी।
यूपी सरकार के इस आदेश पर अब सियासत हो रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि ये सांप्रदायिक मामला है। हिंदू-मुसलमान का मुद्दा होने के चलते नेता अपनी रोटियां सेंक रहे हैं और इस विवाद पर अब बॉलीवुड से भी प्रतिक्रिया आ गई है। अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) ने इस मुद्दे पर रिएक्शन दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए बड़ी बात कह दी है।
There should be only one name plate on every shop : “HUMANITY” 🇮🇳
— sonu sood (@SonuSood) July 19, 2024
सोनू सूद ने क्या कहा?
सोनू सूद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया देते हुए ये बताया है कि दुकानों पर क्या लिखा होना चाहिए। सोनू सूद ने इस पोस्ट में लिखा-
हर दुकान पर केवल एक नेम प्लेट होनी चाहिए, ‘मानवता’।
एकतरफ जहां इस मुद्दे पर राजनीति और नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सोनू सूद ने समझदारी दिखाते हुए मानवता का संदेश दिया है। उन्होंने हिंदू-मुसलमान की सोच से परे इंसानियत की बात की है।
बता दें कि इस साल उत्तर भारत में सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 19 अगस्त को खत्म होगा। लिहाजा इस साल कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो रही है। कांवड़ यात्रा 22 जुलाई सोमवार से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगी। भगवान शिव के भक्तों के लिए कांवड़ यात्रा के बहुत मायने हैं।
CM योगी ने दिया आदेश
दरअसल पिछले साल से ही ये मांग उठ रही थी कि कांवड़ यात्रा वाले रूट पर आने वाली दुकानों पर नेमप्लेट लगी होनी चाहिए। पिछले साल एक मामला सामने आया था। आरोप लगाया गया था कि हरिद्वार से पूरे मार्ग पर कई मुसलमानों ने अपनी दुकानों पर हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें लगाईं, लेकिन इस बार सरकार ने सभी को नाम लिखने का आदेश जारी कर दिया है। CM योगी ने कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाते हुए पूरे प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने-पीने की दुकानों पर ‘नेमप्लेट’ लगाने आदेश जारी किया है और सभी दुकानदारों को इसका पालन करने के निर्देश दिए हैं। इस फैसले के पीछे सबसे बड़ा कारण कांवड़ यात्रियों की आस्था की पवित्रता बनाए रखना है। इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट पर भी रोक लगा दी गई है।