The News Air (मुंबई) पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने का फ़ैसला किया। हालांकि, मोदी सरकार द्वारा लिए गए इस फ़ैसले से कंगना रनोट (Kangana Ranaut) ख़ुश नहीं है। कंगना ने अपना गुस्सा सोशल मीडिया के ज़रिए ज़ाहिर किया और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की जयंती पर शुभकामनाएं दी। कंगना ने कृषि क़ानूनों को वापस लेने पर इसको दुखद और शर्मनाक बताते हुए कहा कि मोदी सरकार का ये फ़ैसला पूरी तरह से अनुचित है। बता दें कि मोदी ने पिछले क़रीब एक साल से विवादों में घिरे तीन कृषि क़ानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की और इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा।
इंस्टा स्टोरी पर कही अपनी बात
कंगना रनोट ने अपनी इंस्टा स्टोरी स्टोरी पर स्क्रीन शॉर्ट शेयर कर लिखा- दुखद, शर्मनाक और सरासर ग़लत। अगर संसद में चुनी हुई सरकार की जगह सड़कों पर लोगों ने क़ानून बनाना शुरू कर दिया… तो यह भी एक जिहादी राष्ट्र है। उन सभी को बधाई जो इसे इस तरह चाहते थे। वहीं, उन्होंने दूसरी पोस्ट में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की फ़ोटो शेयर कर लिखा- अगर देश की अंतरात्मा ही गहरी नींद में है तो लठ्ठ ही एकमात्र समाधान है और तानाशाही ही एकमात्र संकल्प है। जन्मदिन मुबारक हो प्रधानमंत्री जी। आज इंदिरा गांधी की 104वीं जयंती है। कंगना को इस बयान के बाद काफ़ी क्रिटीसाइज किया जा रहा है। #Arrest_Castiest_Kangna सहित कई हैशटैग ट्रेंड कर रहे है और उन्हें अरेस्ट करने की भी मांग की जा रही है।
सोनू सूद ने किया सपोर्ट
कंगना रनोट के अलावा अन्य बॉलीवुड सेलेब्स ने भी कृषि क़ानून को वापस लेने पर अपनी रिएक्शन दिया है। सोनू सूद ने ट्वीट कर मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा- किसान वापिस अपने खेतों में आएंगे, देश के खेत फिर से लहराएगे। धन्यवाद नरेंद्र मोदी जी, इस ऐतिहासिक फ़ैसले से किसानों का प्रकाश पूरब और भी ऐतिहासिक हो गया है। जय जवान जय किसान। वहीं, तापसी पन्नू ने पीएम मोदी के कृषि क़ानून वापस लेने की ख़बर को शेयर किया और लिखा- और… गुरु पर्व दिया सब नू बधाइयाँ। ऋचा चड्ढा ने बधाई देते हुए लिखा- जीत गए आप, आप की जीत में सबकी जीत है।
ये कहा था पीएम मोदी ने
शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने 2020 में संसद में पारित तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेने का फ़ैसला किया है। उन्होंने अपने भाषण में कहा- आज मैं आपको, पूरे देश को बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने का फ़ैसला किया है। इस महीने शुरू होने वाले संसद सत्र में हम इन तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त करने के लिए संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा करेंगे। बता दें कि पंजाब और हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में किसानों का एक वर्ग लगभग एक साल से विरोध प्रदर्शन कर रहा था और कृषि क़ानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहा था।