कलानिधि मारन ने SpiceJet का 50 पर्सेंट डेली रेवेन्यू जब्त करने के लिए हाई कोर्ट में लगाई गुहार

0
SpiceJet

सन ग्रुप के चेयरमैन कलानिधि मारन ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर स्पाइसजेट (SpiceJet) के रोजाना रेवेन्यू का 50 पर्सेंट हिस्सा जब्त करने की मांग की है, ताकि इस एयरलाइन पर उनकी बकाया राशि का भुगतान हो सके। इस एयरलाइन पर मारन का 393 करोड़ रुपये बकाया है। मारन ने साप्ताहिक आधार पर इस रकम के भुगतान की मांग की है।

मारन के आवेदन पर दिल्ली हाई कोर्ट ने 9 अगस्त को स्पाइसजेट को नोटिस जारी किया। अदालत ने एयरलाइन को एक हफ्ते के भीतर अकाउंट स्टेटमेंट और एसेट व लाइबलिटीज को लेकर हलफनामा पेश करने को कहा है। अदालत ने स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) अजय सिंह को 24 अगस्त को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है।

जानबूझकर मामला लटकाने का आरोप

मारन के वकील मनिंदर सिंह ने 9 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि स्पाइसजेट ने अब तक एसेट्स और लाइबिलिटीज को लेकर हलफनामा दायर नहीं किया है और हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश का पालन नहीं किया है। सिंह ने आरोप लगाया स्पाइसजेट जानबूझकर अदालत के आदेश की अवहेलना कर रही है। मारन के मुताबिक, स्पाइसजेट पर उनकी बकाया राशि बढ़कर अब 393 करोड़ रुपये हो गई है। मारन का यह भी कहना था कि जब तक अदालत कोई सख्त कदम नहीं उठाती, तब तक स्पाइसजेट न तो जरूरी दस्तावेज पेश करेगी और न ही बकाया राशि का भुगतान करेगी।

स्पाइसजेट की तरफ से सीनियर वकील संदीप सेठी ने कहा कि अदालत ने आदेशों का पालन करने के लिए कंपनी को 5 सितंबर तक का समय दिया है। उन्होंने कहा कि कोई भी सख्त आदेश एयरलाइन के हजारों कर्मचारियों और उन यात्रियों को बुरे तरीके से प्रभावित करेगा, जिन्होंने इस एयरलाइन का टिकट बुक कराया है। सेठी ने अदालत से कहा कि एयरलाइन बिजनेस का प्रॉफिट मार्जिन सिर्फ 1 पर्सेंट है।

हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में स्पाइसजेट को नोटिस जारी करते हुए कहा कि एयरलाइन ने उसके पिछले आदेश का पालन नहीं किया है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने 31 जुलाई को स्पाइसजेट के खिलाफ आर्बिट्रेशन के फैसले को सही ठहराया था। साथ ही, हाई कोर्ट ने 2020 में एयरलाइन को एसेट्स और लाइबलिटीज के बारे में हलफनामा देने को कहा था, जो एयरलाइन ने अब तक नहीं किया है। स्पाइसजेट द्वारा ऐसा करने में नाकाम रहने पर अदालत ने एयरलाइन के CMD को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट में स्पाइसजेट

स्पाइसजेट ने दिल्ली हाई कोर्ट के 2020 के उस ऑर्डर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उसे छह हफ्तों में 240 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने शुरू में दिल्ली हाई कोर्ट के ऑर्डर पर रोक लगा दी थी, लेकिन बाद में मारन को 250 करोड़ की बैंक गारंटी भुनाने की अनुमति दी थी और स्पाइसजेट को कहा था कि वह मारन को 3 महीने के भीतर 75 करोड़ रुपये का भुगतान करे।

0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments