JSW Steel : जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड (JSW Steel Ltd) को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी सफलता मिली। कोर्ट ने भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (Bhushan Power & Steel Ltd) के 19700 करोड़ रुपये के अधिग्रहण (Acquisition) को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही भारत का सबसे लंबा चलने वाला इंसॉल्वेंसी केस भी समाप्त हो गया।
सुप्रीम कोर्ट ने असहमति जताने वाले लेनदारों की चुनौती को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड (Insolvency and Bankruptcy Code) के तहत कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स (Committee of Creditors) के फैसलों का सम्मान किया जाना चाहिए।
इस फैसले की अगुवाई जस्टिस बी आर गवई की बेंच ने की, जिसमें जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और के विनोद चंद्रन भी शामिल थे। स्पेशल बेंच ने यह रेखांकित किया कि JSW Steel ने भूषण पावर को मुनाफे वाली कंपनी में बदल दिया है और एनसीएलटी तथा एनसीएलएटी की मंजूरी को भी बरकरार रखा।
शेयर बाजार पर असर
बीएसई में शुक्रवार को JSW Steel के शेयर 1151 रुपये पर खुले। हालांकि, दिनभर में शेयर में गिरावट देखी गई और यह 1130.20 रुपये तक लुढ़क गया। सुबह 11.49 बजे शेयर 1136.35 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे, जो 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट को दर्शाता है।
मामला क्या था?
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12 बड़े डिफाल्टर्स की सूची में भूषण पावर एंड स्टील भी शामिल थी, जिन पर RBI के अनुसार 47000 करोड़ रुपये का लोन था।
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2018 में JSW Steel ने भूषण पावर के लिए 19700 करोड़ रुपये की बोली लगाकर टाटा स्टील को पछाड़ा।
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इस प्लान को प्रमोटर संजय सिंगल, कल्याणी ग्रुप के टोरस्टील, और उड़ीसा राज्य सहित अन्य ने अलग-अलग स्तर पर अनियमितताओं का हवाला देकर चुनौती दी थी।
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2 मई को सुप्रीम कोर्ट ने रिसॉल्यूशन प्लान रद्द किया था, जिससे लेंडर्स को JSW को 19350 करोड़ रुपये चुकाने पड़े और बैंकों का लगभग 34000 करोड़ रुपये फंसा।
इस फैसले से JSW Steel का भूषण पावर अधिग्रहण रास्ता साफ हो गया और देश के सबसे लंबे इंसॉल्वेंसी केस का अंत हुआ।
मुख्य बातें (Key Points)
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सुप्रीम कोर्ट ने JSW Steel के भूषण पावर अधिग्रहण को मंजूरी दी।
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भारत का सबसे लंबा इंसॉल्वेंसी केस समाप्त हुआ।
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असहमति जताने वाले लेनदारों की चुनौती खारिज की गई।
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2018 में JSW Steel ने 19700 करोड़ रुपये की बोली लगाकर टाटा स्टील को पीछे छोड़ा।






