नई दिल्ली (New Delhi), 24 जनवरी (The News Air): वक्फ संशोधन विधेयक 2024 (Waqf Amendment Bill 2024) पर चर्चा कर रही संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक शुक्रवार को भारी हंगामे के बीच संपन्न हुई। बैठक में हंगामा इतना बढ़ गया कि समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal) ने 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया।
निलंबित सांसदों में कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee), असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi), ए राजा (A. Raja), और मोहम्मद जावेद (Mohammad Javed) जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। विपक्षी सदस्यों ने अध्यक्ष पर कार्यवाही को लेकर पक्षपात और सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया।
क्या है मामला?
वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) पर विचार के लिए JPC की बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई थी। लेकिन बैठक की शुरुआत से ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया।
- विपक्षी सांसदों का आरोप था कि बैठक का एजेंडा गुरुवार देर रात बदला गया और उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया गया।
- टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee) ने अध्यक्ष पर सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया।
जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal) ने कहा, “मैंने बैठक को व्यवस्थित करने की पूरी कोशिश की, लेकिन बार-बार व्यवधान के कारण मजबूरी में 10 सांसदों को निलंबित करना पड़ा।”
कौन-कौन से सांसद सस्पेंड हुए?
निलंबित किए गए सांसदों में कई प्रमुख विपक्षी नेता शामिल हैं:
- कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee) – TMC
- असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) – AIMIM
- ए राजा (A. Raja) – DMK
- मोहम्मद जावेद (Mohammad Javed) – कांग्रेस
- इमरान मसूद (Imran Masood) – कांग्रेस
- नासिर हुसैन (Nasir Hussain) – कांग्रेस
- नदीमुल हक (Nadeemul Haque) – TMC
- मोहिबुल्लाह (Mohibullah) – सपा
- अरविंद सावंत (Arvind Sawant) – शिवसेना (UBT)
- एम अब्दुल्ला (M. Abdullah) – DMK
विपक्ष का आरोप
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि बैठक का संचालन लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विपरीत था।
उन्होंने कहा, “अध्यक्ष ने हमारे सुझावों और अनुरोधों को नजरअंदाज किया। आधी रात में बैठक का एजेंडा बदलकर हमें सूचित किया गया। यह मनमानी है।”
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि समिति सरकार के निर्देश पर काम कर रही है और वक्फ संपत्तियों (Waqf Properties) के अधिकारों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
बीजेपी का पलटवार
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विपक्षी सांसदों के आचरण को ‘शर्मनाक’ बताया।
बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी (Aparajita Sarangi) ने कहा, “बैठक के दौरान विपक्षी सांसद असंसदीय भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे और कार्यवाही को बाधित कर रहे थे।”
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का रुख
मीरवाइज उमर फारूक (Mirwaiz Umar Farooq) के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) का एक प्रतिनिधिमंडल भी शुक्रवार को JPC के सामने पेश हुआ।
उन्होंने कहा, “सरकार को वक्फ मामलों में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए। यह मुद्दा विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों के लिए बेहद संवेदनशील है।”
बैठक के नतीजे और आगे की प्रक्रिया
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, समिति 29 जनवरी 2025 को अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करेगी।
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को पहली बार अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में पेश किया था।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर JPC की बैठक में हंगामा, आरोप-प्रत्यारोप और 10 विपक्षी सांसदों का निलंबन इस मुद्दे की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
आने वाले दिनों में वक्फ बिल पर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव बढ़ने की संभावना है। साथ ही, 29 जनवरी को JPC की रिपोर्ट और उसके बाद लोकसभा में इस पर होने वाली चर्चा पर सभी की नजरें टिकी होंगी।