Joint Pain Home Remedy के लिए अगर आप लाखों रुपये खर्च करने जा रहे हैं, तो एक बार रुकिए! आयुर्वेद में एक ऐसा अद्भुत पौधा है, जो पुराने से पुराने जोड़ों के दर्द को जड़ से खत्म करने की ताकत रखता है।
अगर आपके घुटनों से भी ‘कट-कट’ की आवाज़ आती है या आप बिस्तर से उठने में लाचार हैं, तो यह खबर आपके लिए किसी जीवनदान से कम नहीं है। राजीव दीक्षित के अनुसार, महज़ एक पेड़ के चंद पत्ते 20 साल पुराने गठिया (Arthritis) को भी मात दे सकते हैं, वो भी बिना किसी महंगे ऑपरेशन के। यह जानकारी खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो दर्द के मारे चल-फिर नहीं सकते।
जोड़ घिसते नहीं, सूखते हैं!
अक्सर डॉक्टर कहते हैं कि ‘घुटने घिस गए हैं’, लेकिन आयुर्वेद की दृष्टि कुछ और कहती है। दरअसल, जोड़ों के बीच की चिकनाई (Lubrication/Grease) उम्र, खान-पान और दवाओं के असर से सूख जाती है। इसी कारण हड्डियों में घर्षण होता है और ‘कट-कट’ की आवाज आती है। हारसिंगार (Harsingar) या पारिजात (Parijat) का पौधा इसी सूखी हुई चिकनाई को दोबारा बनाने में मदद करता है।
सिर्फ 6-7 पत्ते और दर्द गायब
राजीव दीक्षित ने बताया कि जिस मरीज को 20-25 साल से गठिया है, जो करवट भी नहीं बदल पाता, उसके लिए हारसिंगार (Night Jasmine) के पत्ते अमृत समान हैं।
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पहचान: इस पेड़ पर सफेद रंग के छोटे फूल आते हैं और उनकी डंडी नारंगी (Orange) रंग की होती है। इसमें बहुत तेज खुशबू आती है और यह रात को खिलता है। इसके पत्ते छूने पर खुरदरे (कांटे जैसे) लगते हैं।
कैसे बनाएं यह जादुई काढ़ा?
इस नुस्खे को बनाने की विधि बहुत सरल है, लेकिन इसे सही तरीके से बनाना जरूरी है:
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हारसिंगार के 6 से 7 पत्ते लें।
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इन्हें पत्थर पर पीसकर चटनी बना लें (नमक-मिर्च नहीं डालना है)।
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इस चटनी को एक गिलास पानी में मिलाकर उबालें।
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तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए।
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इसे ठंडा करें और सुबह खाली पेट पिएं।
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(सुझाव: इसे रात को बनाकर रख दें और सुबह पी लें, दोबारा गर्म न करें)।
डॉक्टर ने ऑपरेशन बोला है तो रुक जाएं
राजीव दीक्षित का स्पष्ट कहना था कि कभी भी ‘नी रिप्लेसमेंट’ (Knee Replacement) न कराएं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण देते हुए बताया कि अमेरिका के बेस्ट डॉक्टर से ऑपरेशन कराने के बाद भी उनकी तकलीफ बढ़ गई थी और वे व्हीलचेयर पर आ गए थे। भगवान के बनाए जोड़ों का कोई मुकाबला नहीं है। यह काढ़ा 1.5 से 2 महीने में चमत्कारिक असर दिखाता है।
बुखार के बाद शरीर टूट रहा है?
सिर्फ गठिया ही नहीं, अगर किसी को डेंगू (Dengue) या चिकनगुनिया हुआ है और बुखार जाने के बाद भी शरीर का दर्द नहीं जा रहा, तो यह काढ़ा रामबाण है। ऐसे मामलों में इसे 15 से 20 दिन तक लेने से ही पूरा दर्द खत्म हो जाता है।
वरिष्ठ पत्रकार का विश्लेषण
आज के दौर में जहां फार्मा कंपनियां ‘पेनकिलर्स’ के जरिए अरबों का कारोबार कर रही हैं, वहां हारसिंगार जैसा सस्ता और सुलभ उपाय आम आदमी के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। हालांकि, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ‘सर्जरी’ पर जोर देता है, लेकिन आयुर्वेद ‘जड़’ पर काम करता है। अगर 5-10 रुपये के खर्च में (या मुफ्त में, अगर पेड़ घर पर हो) किसी का 20 साल पुराना दर्द ठीक हो सकता है, तो इसे आजमाने में कोई हर्ज नहीं है। यह ‘नेचुरोपैथी’ बनाम ‘सर्जरी’ की बहस में एक मजबूत विकल्प बनकर उभरता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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Remedy: हारसिंगार (पारिजात) के 6-7 पत्तों का काढ़ा।
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Dosage: सुबह खाली पेट (ठंडा करके पिएं)।
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Duration: पुराने दर्द में 3 महीने तक, डेंगू के दर्द में 15 दिन।
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Caution: इसके साथ कोई दूसरी दवा न लें, यह एक्सक्लूसिव है।
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Identification: सफेद फूल, नारंगी डंडी और खुरदरे पत्ते।






