Hemant Soren BJP Alliance Speculation: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार का असर अब पड़ोसी राज्य झारखंड की राजनीति में भी देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछले कुछ दिनों से अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। 28 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस समारोह के बाद उनका अचानक दिल्ली जाना और अब तक वापस न लौटना सियासी गलियारों में कई सवाल खड़े कर रहा है। सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर यह आ रही है कि दिल्ली में उनकी मुलाकात बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता से हुई है, जिसके बाद अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया है।
झारखंड की राजनीति में इस वक्त भारी उथल-पुथल मची हुई है। चर्चा है कि सीएम हेमंत सोरेन बीजेपी के साथ मिलकर नया गठबंधन बनाने की फिराक में हैं। अगर ऐसा होता है, तो यह महागठबंधन (INDIA Alliance) के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा। सवाल यह है कि अगर जेएमएम (JMM) और बीजेपी साथ आते हैं, तो विधानसभा में सीटों का गणित क्या होगा?
क्या है मौजूदा समीकरण?
फिलहाल झारखंड में झामुमो (JMM), कांग्रेस, आरजेडी और लेफ्ट पार्टियों की गठबंधन सरकार चल रही है। 81 सीटों वाली विधानसभा में इस गठबंधन के पास कुल 56 सीटें हैं। इसमें झामुमो के पास सबसे ज्यादा 34 सीटें, कांग्रेस के पास 16, आरजेडी के पास 4 और लेफ्ट के पास 2 सीटें हैं। दूसरी तरफ, विपक्ष में बैठी बीजेपी के पास 21 सीटें हैं, जबकि लोजपा, आजसू और जेडीयू के पास एक-एक सीट है। यानी एनडीए के पास कुल 24 सीटें हैं।
नया गठबंधन बना तो क्या होगा?
अगर हेमंत सोरेन बीजेपी के साथ हाथ मिलाते हैं, तो समीकरण पूरी तरह बदल जाएगा। जेएमएम की 34 सीटें और एनडीए की 24 सीटें मिलकर कुल 58 सीटें हो जाएंगी। झारखंड में बहुमत का आंकड़ा 41 सीटों का है। ऐसे में यह नया गठबंधन आसानी से बहुमत हासिल कर लेगा और एक स्थिर सरकार बना सकेगा। यह बदलाव न सिर्फ राज्य की राजनीति को नया मोड़ देगा, बल्कि महागठबंधन को सत्ता से बाहर कर देगा।
नाराजगी की वजह: बिहार चुनाव
इस सियासी बदलाव की सुगबुगाहट के पीछे बिहार विधानसभा चुनाव एक बड़ी वजह मानी जा रही है। दरअसल, जेएमएम ने बिहार चुनाव में महागठबंधन के साथ मिलकर लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं बनी। महागठबंधन ने जेएमएम को बिहार में एक भी सीट नहीं दी, जिससे पार्टी ने चुनाव से किनारा कर लिया। माना जा रहा है कि इसी अनदेखी से नाराज होकर हेमंत सोरेन अब पाला बदलने पर विचार कर रहे हैं।
सहयोगियों से बढ़ती दूरी
कयासों को बल देने वाली एक और वजह सामने आई है। कहा जा रहा है कि सीएम सोरेन और उनके सहयोगी दलों (कांग्रेस और आरजेडी) के बीच दूरियां बढ़ गई हैं। मुख्यमंत्री के फ्लैगशिप कार्यक्रम ‘सरकार आपके द्वार’ में सहयोगी मंत्रियों की गैरमौजूदगी इस बात का गवाह है। कई जगहों पर कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए हैं, जो गठबंधन में सब कुछ ठीक न होने का संकेत दे रहे हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि दिल्ली से लौटने के बाद हेमंत सोरेन क्या फैसला लेते हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
-
सीएम हेमंत सोरेन पत्नी के साथ दिल्ली में हैं, बीजेपी नेता से मुलाकात की चर्चा।
-
जेएमएम और बीजेपी साथ आए तो गठबंधन के पास 58 सीटें हो जाएंगी, बहुमत 41 का है।
-
बिहार चुनाव में सीट न मिलने से जेएमएम की महागठबंधन से नाराजगी बताई जा रही है।
-
‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम से सहयोगी मंत्रियों की दूरी ने भी अटकलों को हवा दी है।






