Bihar Hijab Row Update बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यक्रम में महिला डॉक्टर के हिजाब को लेकर हुए विवाद की आग अब पड़ोसी राज्य झारखंड तक पहुंच गई है। इस मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है और झारखंड की राजनीति भी गरमा गई है। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस विवाद के बीच डॉ. नुसरत परवीन को अपने राज्य में सरकारी सेवा में आने का खुला निमंत्रण दे दिया है, जिससे बिहार की राजनीति में नई हलचल मच गई है।
मंत्री इरफान अंसारी ने केवल ऑफर ही नहीं दिया, बल्कि यह भरोसा भी दिलाया कि अगर डॉ. नुसरत झारखंड आती हैं, तो उन्हें पलकों पर बिठाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि झारखंड में उन्हें न केवल आकर्षक वेतन मिलेगा, बल्कि उनकी सुरक्षा और सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं होगा।
‘मुंहमांगा वेतन और मनचाही पोस्टिंग’
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने डॉ. नुसरत परवीन के लिए खजाना खोल दिया है। उन्होंने घोषणा की कि यदि डॉ. नुसरत झारखंड में अपनी सेवाएं देने को तैयार होती हैं, तो उन्हें लाखों रुपये का मासिक वेतन दिया जाएगा। इसके साथ ही, उन्हें उनकी ‘मनचाही पोस्टिंग’ और रहने के लिए सरकारी आवास की सुविधा भी तत्काल मुहैया कराई जाएगी।
मंत्री ने बिहार की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे अमानवीय और शर्मनाक करार दिया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि एक महिला डॉक्टर का हिजाब खींचना सिर्फ एक व्यक्ति का अपमान नहीं, बल्कि पूरे संविधान और इंसानियत पर हमला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि झारखंड में महिलाओं के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखा जाता है।
मैथिली ठाकुर ने साधी चुप्पी
इस पूरे विवाद पर भाजपा नेता और मशहूर लोक गायिका मैथिली ठाकुर का भी बयान सामने आया है, लेकिन उन्होंने सधे हुए शब्दों में बात की। जब उनसे सीएम नीतीश कुमार द्वारा हिजाब हटाने की कोशिश पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि इस पर खुद मुख्यमंत्री ही सटीक जानकारी दे सकते हैं।
मैथिली ठाकुर ने कहा, “जो लोग फोन पर वीडियो देखते हैं, वे अपने-अपने विचारों (Notions) के हिसाब से उसे समझते हैं। जो जैसा सोचता है, वैसा ही समझता है। इसलिए मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहूंगी।”
अफवाहों पर लगा विराम: नौकरी नहीं छोड़ रही हैं डॉ. नुसरत
इस विवाद के बीच उड़ी इन अफवाहों पर अब पूर्ण विराम लग गया है कि अपमानित महसूस करने के कारण डॉ. नुसरत ने सरकारी नौकरी ठुकरा दी है। खबरें थीं कि वे बिहार छोड़कर कोलकाता अपने परिवार के पास चली गई हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और है।
सरकारी तिब्बी कॉलेज और अस्पताल के प्राचार्य डॉ. रहमान ने पुष्टि की है कि उनकी डॉ. नुसरत के परिवार से बात हुई है। वे नौकरी नहीं छोड़ रही हैं, बल्कि शनिवार, 20 दिसंबर को अपनी ड्यूटी ज्वॉइन करेंगी। प्राचार्य ने साफ किया कि बिहार छोड़ने या इस्तीफा देने की खबरें पूरी तरह निराधार हैं।
वरिष्ठ संपादक का विश्लेषण: राजनीतिक रस्साकशी का केंद्र बनी घटना
एक वरिष्ठ पत्रकार के तौर पर इस घटनाक्रम को देखें, तो यह मामला अब ‘महिला सम्मान’ से ज्यादा ‘राजनीतिक अवसरवाद’ का अखाड़ा बन गया है। झारखंड के मंत्री द्वारा दिया गया ऑफर एक तरह से बिहार सरकार की छवि पर चोट करने की रणनीति है। यह दिखाता है कि कैसे दो राज्यों की सियासत में एक प्रशासनिक और संवेदनशील मुद्दे को ‘नैतिक श्रेष्ठता’ (Moral Superiority) साबित करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। आम जनता के लिए यह चिंता का विषय है कि क्या वास्तव में महिला सुरक्षा प्राथमिकता है या फिर यह केवल सियासी दांवपेच का हिस्सा है।
जानें पूरा मामला
यह विवाद तब शुरू हुआ जब बिहार में एक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दौरान मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आयुष चिकित्सक डॉ. नुसरत परवीन के चेहरे से कथित तौर पर हिजाब हटाने का इशारा किया या हटाया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने इसे धार्मिक परंपराओं और महिला गरिमा का अपमान बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया था।
मुख्य बातें (Key Points)
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बड़ा ऑफर: झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी ने डॉ. नुसरत को मुंहमांगी पोस्टिंग और वेतन का ऑफर दिया।
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निंदा: मंत्री ने हिजाब वाली घटना को संविधान और इंसानियत का अपमान बताया।
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ड्यूटी पर वापसी: डॉ. नुसरत के नौकरी छोड़ने की खबरें झूठी निकलीं, 20 दिसंबर को संभालेंगी कार्यभार।
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मैथिली का बयान: गायिका मैथिली ठाकुर ने घटना पर सीधी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।






