उत्तर प्रदेश,16 नवंबर (The News Air): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी अग्निकांड पर संवेदनशील रुख अपनाते हुए महत्वपूर्ण घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि हादसे में जान गंवाने वाले नवजात शिशुओं के परिजनों को तत्काल ₹5-5 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएं। वहीं, गंभीर रूप से घायल बच्चों के इलाज और उनके परिजनों की मदद के लिए ₹50-50 हजार की राशि उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को घटना की विस्तृत जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव मदद प्रदान की जाएगी।
अचानक कैसे हुआ हादसा ?
नवजात शिशु देखभाल इकाई (NICU) के एक हिस्से में अचानक शार्ट सर्किट हुआ जिससे आग लग गई। इसी भीषण आग में झुलसने से 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना रात करीब साढ़े दस बजे की बताई जा रही है। चाइल्ड वॉर्ड की खिड़की तोड़कर रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया। बचाव अभियान में 35 से ज्यादा बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।लेकिन इस हादसे में 16 नवजात शिशुओं की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।
ब्रजेश पाठक का भी आया बयान
सीएम योगी के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज पहुंचे। इस घटना पर उन्होंने कहा कि ‘नवजात शिशुओं की मौत बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर हम नवजात शिशुओं के शवों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं… पहली जांच प्रशासनिक स्तर पर होगी जो स्वास्थ्य विभाग करेगा, दूसरी जांच पुलिस प्रशासन करेगा, अग्निशमन विभाग की टीम भी इसमें शामिल होगी, तीसरा, मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी। अगर कोई चूक पाई जाती है, तो जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकार बच्चों के परिजनों के साथ है।
रोते-बिलखते मां-बाप और बच्चे को खोना
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अंदर और बाहर से खौफनाक मंजर के चीत्र और वीडियो लगातार सामने आ रहे हैं। जो रूह कंपा देने वाले वीजुअल हैं। इस समय झांसी में चीख-पुकार मची हुई है। मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे के बाद पूरा इलाका गम के आगोश में समाया हुआ है। नवजात बच्चों ने दुनिया में अभी कदम भी नहीं रखा था कि दर्दनाक हादसे का शिकार हो गए। हादसे में अपने कलेजे के टुकड़े को खोने वाले माता-पिता के दिल पर क्या गुजर रही होगी इसका अंदाजा भी लगाना संभव नहीं। रोते बिलखते कई बदहवास तो कई बेसुध परिजन सिर्फ अपने बच्चे के जिंदा होने की दुआ कर रहे हैं।