जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) समय पर बनकर तैयार हो जाएगा। इसे बनाने पर आने वाला खर्च भी तय सीमा को पार नहीं करेगा। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने यह बात कही है। जेवर एयरपोर्ट को बनाने और इसके संचालन के लिए YIAPL की स्थापना हुई है। यह ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल की सब्सिडियरी है। YIAPL में ज्यूरिख एयरपोर्ट की 100 फीसदी हिस्सेदारी है।
YIAPL ने जेवर एयरपोर्ट को बनाने का काम Tata Projects को दिया है। इस पर काम शुरू हो गया है। श्नेलमैन ने कहा कि इनपुट प्राइसेज और कमोडिटी प्राइसेज दुनियाभर में बढ़े हैं। हमें उम्मीद है कि टाटा तय बजट के अंदर एयरपोर्ट का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में कामयाब होगी। ज्यूरिख एयरपोर्ट ग्रुप के लिए इंडिया सबसे अहम मार्केट में से एक है। हम पिछले 20 साल से इंडिया में बिजनेस कर रहे हैं। इंडिया में प्राइवेटाइजेशन प्रोग्राम पर फोकस है। रेगुलेटरी पॉलिसी भी स्ट्रॉन्ग है।
उन्होंने बताया कि जेवर एयरपोर्ट बनाने की लागत का 65 फीसदी हिस्सा (करीब 3,700 करोड़ रुपये) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) दे रहा है। बाकी 35 फीसदी का इंतजाम हमारे इनवेस्टर्स करेंगे। उन्होंने कहा कि इंडिया में एयर ट्रैफिक की ग्रोथ पिछले 20 साल में बहुत अच्छी रही है। सिर्फ कोविड के दौरान इसमें कमी देखने को मिली थी।
श्नेलमैन ने कहा कि हमें दिल्ली-एनसीआर में नए एयरपोर्ट की मांग दिख रही है। हमें पैसेंजर ट्रैफिक की भी एडिशनल डिमांग दिख रही है। एयर कार्गो इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हमारी बातचीत पैसेंजर टर्मिनल के साथ ही एयरलाइंस से हुई है। एयर कार्गो की संभावना को लेकर भी मैं बहुत उत्साहित हूं। हमें 80 एकड़ के एयर कार्गो और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने का वर्क मिला है।
यह पूछने पर कि कुल ट्रैफिक में दिल्ली की हिस्सेदारी कितनी होगी, उन्होंने कहा कि मेरे पास डेटा नहीं है। हां, यह तय है कि दिल्ली और देशभर में एयर ट्रैफिक की ग्रोथ अच्छी रहेगी। अभी ट्रैफिक लेवल करीब 2019 के जितना पहुंच गया है। हमें उम्मीद है कि आगे भी यह ट्रेंड जारी रहेगा।
जेवर एयरपोर्ट के दिल्ली से दूर स्थित होने से जुड़े एक सवाल के जवाब में श्नेलमैन ने कहा कि यह (Jewar Airport) दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा से अच्छी तरह से कनेक्टेड है। यह यमुना एक्सप्रेसवे से सिर्फ (करीब) 700 मीटर की दूरी पर है। इसलिए नोएडा से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रास्ता 30 मिनट का है।
उन्होंने कहा कि हमें मेट्रो ट्रेन की सुविधा शुरू होने की उम्मीद है। दिल्ली मेट्रो रेल कंपनी अगले कुछ हफ्तों में अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर लेगी। जेवर एयरपोर्ट के ओपन होने से पहले हमें मेट्रो रेल का काम शुरू हो जाने की संभावना है।