– बीजेपी को सिखों का इतिहास पढ़ना चाहिए, जब श्री गुरु तेग बहादुर ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था- जरनैल सिंह
– सिख हमेशा देश और मानवता की सेवा के लिए आगे रहे हैं, लेकिन भाजपा सिखों को खालिस्तानी बोलकर अपमानित कर रही है- जरनैल सिंह
– आजादी की लड़ाई में फांसी पर चढ़ने वाले 121 लोगों में 93 सिख थे, उम्रकैद पाने वाले 2,626 में से 2,147 लोग पगड़ी वाले सिख थे- जरनैल सिंह
– भाजपा, सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहकर अपमानित करने वाले सुभेंदू अधिकारी को तत्काल बर्खास्त करें और उस पर एनएसए की कार्रवाई करे- जरनैल सिंह
नई दिल्ली, 21 फरवरी (The News Air) आम आदमी पार्टी ने भाजपा से पश्चिम बंगाल में सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहकर अपमानित करने वाले सुभेंदू अधिकारी को पार्टी से तत्काल बर्खास्त कर उसपर एनएसए की कार्रवाई करने की मांग की है। “आप” के वरिष्ठ नेता जरनैल सिंह ने कहा कि भाजपा सिखों से नफरत करती है और इसीलिए वो सिखों पर बार-बार खालिस्तानी का टैग लगाने की कोशिश करती है। इसका मुख कारण किसान आंदोलन है। किसान आंदोलन के दौरान बेशक प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों से माफी मांग ली हो, लेकिन बीजेपी वालों के अंदर से आज तक वो जहर नहीं निकला है। उन्होंने कहा, बीजेपी वालों को सिखों का इतिहास पढ़ना चाहिए। सिख हमेशा देश और मानवता की सेवा के लिए आगे रहे हैं, लेकिन भाजपा सिखों को खालिस्तानी बोलकर अपमानित कर रही है। भाजपा की चाटुकारिता करने वाले सिख नेताओं के सामने भी आज यह प्रश्न है, लेकिन उनको को नजर नहीं आ रहा कि किस तरह भाजपा के नेता बार-बार सिखों की पगड़ी पर सवाल उठाकर अपमानित कर रहे हैं।
दिल्ली विधानसभा में प्रेस को संबोधित करते हुए”आप” के वरिष्ठ नेता और विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि बीजेपी सिखों से कितनी नफरत करती है इसका एक और जीता जागता प्रमाण मंगलवार को पश्चिम बंगाल में देखने को मिला, जब बीजेपी ने ईमानदारी से अपनी ड्यूटी कर रहे एक आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी बोला। ऐसी घटिया और नीच मानसिकता वाले लोगों को पहले सिखों का इतिहास पढ़ लेना चाहिए। जिस पगड़ी को देकखर आप उसे खालिस्तानी बोल रहे हो, पहले आपको उस पगड़ी का इतिहास मालूम होना चाहिए। शायद इन लोगों ने कश्मीरी पंडितो का वो इतिहास नहीं पता है जब श्री गुरु तेग बहादुर साहब ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए शीशगंज साहिब में अपना बलिदान दिया था। इन लोगों ने गुरु गोविंद जी के चार साहिबज़ादों का इतिहास नहीं पढ़ा और इन्होंने उन ततमाम वीर योद्धाओं का इतिहास नहीं पढ़ा जिन्होंने मुगलों के दौर में हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानियां दी थीं। लगता है इन लोगों ने इस देश की आजादी के इतिहास में शहीद ए आज़म भगत सिंह और शहीद उधम सिंह के बारे में भी नहीं पढ़ा है। आजादी की लड़ाई में जिन 121 लोगों को फांसी की सजा हुई थी उनमें से 93 लोग ये पगड़ी वाले ही थे, जिनको आज ये लोग खालिस्तानी कहकर बुला रहे है। उसके बाद 2,626 लोगों को आजीवन कारावास की सजा हुई, जिसमें से 2,147 लोग ये पगड़ी वाले सिख ही थे। आपको शर्म आनी चाहिए किसी की पगड़ी या किसी का धर्म देखकर उसके ऊपर इस तरह का इल्जाम लगाते हुए। क्या हमें ऐसे नीच लोगों से देश भक्ति सीखनी पड़ेगी जो अंग्रेजों के राज में माफी मांगते रहे।
“आप” के वरिष्ठ नेता जरनैल सिंह ने कहा कि आज बीजेपी ने जो स्थिति पैदा की है इसका मुख्य कारण किसान आंदोलन है। किसान आंदोलन के दौरान बेशक प्रधानमंत्री मोदी ने माफी मांग ली हो, लेकिन बीजेपी वालों के अंदर से आज तक वो जहर नहीं निकला है। आए दिन बीजेपी वाले सिखों के ऊपर खालिस्तानी का टैग लगाने से नहीं चूकते हैं। बीजेपी नेता संजय दायमा ने बोला था कि तिजारा में जिस तरह से गुरुद्वारा बनाए गए हैं वो आगे चलकर नासूर बन जाएंगे। ये शर्मनाक है कि जिन गुरुद्वारों ने कोविड के दौरान पूरी दुनिया में लंगर खिलाया और मानवता की सेवा के लिए प्रसिद्ध हैं, उन्हें इस तरह से अपमानित किया जा रहा है। हम अपनी जान की परवाह किए बिना इंसानियत की सेवा करते हैं। लॉकडाउन में जब सभी लोग अपने घरों में बंद हो गए थे तो ये पगड़ी वाले ही आगे आकर लोगों की सेवा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में लिखा है कि किसी व्यक्ति के साथ उसके जाति, धर्म या वेशभूषा के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता, लेकिन जब ये लोग तो एक आईपीएस अधिकारी जो अपनी ड्यूटी कर रहा है उसको भी नहीं छोड़ रहे हैं, एक आम इंसान के साथ क्या करेंगे। आईएएस और आईपीएस एसोसिएशन को इसके खिलाफ खड़े होना चाहिए। आपने भी ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले देश के संविधान की कसम खाई थी,आपने किसी पार्टी की नौकरी नहीं की है। देश के संविधान को बचाने के लिए आगे आएं। बीजेपी ऐसी नीच मानसिकता वाले लोगों को आगे लाकर बार-बार अपनी असलियत सामने ला रही है।
“आप” के वरिष्ठ नेता जरनैल सिंह ने कहा कि जब से किसान आंदोलन शुरू हुआ है, बीजेपी उसे दबाने के लिए बार-बार सिखों के ऊपर खालिस्तानी का टैग लगाती है। ये बहुत शर्मनाक है। सिख कौम हमेशा से जुल्म के खिलाफ लड़ाई में आगे रही है। यहां तक की अंग्रेज भी इस बात को कहते थे कि गुलाम तो पूरा भारत है लेकिन 121 में से 93 सिख क्यों आगे आ रहे हैं। जब भी जुल्म होगा, उसे रोकने के लिए सिख सबसे आगे खड़ा होगा। चाहे वो सिख आईपीएस अधिकारी हो, आम आदमी हो या देश की सीमा पर खड़ा सिख सिपाही हो। आज इस देश के हर सिख के दिल में ये रोष है कि देश में शासन करने वाली पार्टी के बड़े-बड़े नेता बार-बार हमारी देशभक्ति पर सवाल क्यों उठाते हैं। ये सवाल उन सिख नेताओं के सामने भी खड़ा होता है कि वो बीजेपी की चाटूकारिता में इतना मशगूल हो गए हैं कि उन्हें ये नजर नहीं आता कि बीजेपी के नेता किस तरह बार-बार सिखों की पगड़ी पर सवाल उठाकर उन्हें अपमानित करते हैं। झुक कर सलाम करने में कोई हर्ज नहीं है, पर इतना भी नहीं झुकना चाहिए की ये दस्तार गिर पड़े। हमें ये दस्तार श्री गुरु गोविंद जी ने दी थी और हमें इसका महत्व पता है। ये हमें इंसानियत और धर्म की रक्षा, गरीबों की सेवा और जुल्म को रोकने के लिए दी गई है।उन्होंने कहा कि आम आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी से अपील करती है कि वो सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहकर अपमानित करने वाले अपनी पार्टी के नेता सुभेंदू अधिकारी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करें और ऐसे नीच लोगों पर एनएसए की कार्रवाई करे।