RAJASTHAN ACCIDENT: राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार का दिन एक अमिट त्रासदी लेकर आया। जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक लक्जरी वॉल्वो बस बीच रास्ते में एक आग के गोले में तब्दील हो गई, जिसमें 19 लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा इतना भयावह था कि कई यात्रियों को बस से बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। इस घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है।
सफर बना आखिरी सफर, कुछ ही मिनटों में सब खत्म
मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे, 57 यात्रियों को लेकर जैसलमेर से जोधपुर के लिए निकली बस (RJ 09 PA 8040) जब थईयात इलाके में वार म्यूजियम के पास पहुंची, तो एक सामान्य सफर अचानक मौत के तांडव में बदल गया। बस के पिछले हिस्से से उठे धुएं ने देखते ही देखते विकराल आग का रूप ले लिया। ड्राइवर ने सूझबूझ दिखाते हुए तुरंत बस को हाईवे के किनारे रोक दिया, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि उन्होंने कुछ ही पलों में पूरी बस को अपनी आगोश में ले लिया।
बस के अंदर फंसे यात्रियों की चीख-पुकार से हाईवे पर कोहराम मच गया। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, कई जिंदगियां आग की भेंट चढ़ चुकी थीं।
भारत में बस हादसों, विशेषकर आग लगने की घटनाएं, एक गंभीर चिंता का विषय रही हैं। अक्सर इन हादसों के पीछे शॉर्ट-सर्किट, इंजन का ज़्यादा गर्म होना या बसों में रखे ज्वलनशील पदार्थ जैसे कारण होते हैं। इसके अलावा, कई बसों में आपातकालीन निकास (Emergency Exit) का ठीक से काम न करना या उसके बारे में यात्रियों को जानकारी न होना भी मौतों का आंकड़ा बढ़ा देता है। जैसलमेर की यह घटना एक बार फिर सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा मानकों और नियमित जांच की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है।
स्थानीय लोग बने फरिश्ते, प्रशासन ने शुरू की जांच
हादसे के तुरंत बाद, स्थानीय लोगों और सड़क से गुजर रहे राहगीरों ने अपनी जान की परवाह किए बिना बचाव कार्य शुरू कर दिया। उन्होंने बस के शीशे तोड़कर कई झुलसे हुए यात्रियों को बाहर निकाला। सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन और दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं।
घायलों को फौरन जैसलमेर के जवाहर अस्पताल ले जाया गया, जहाँ से 16 गंभीर रूप से झुलसे यात्रियों को जोधपुर के एम्स अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए अधिकारियों को घायलों के सर्वोत्तम इलाज और पीड़ितों को हर संभव मदद देने का निर्देश दिया है।
DNA टेस्ट खोलेगा मृतकों की पहचान का राज
इस हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 19 मृतकों के शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान करना लगभग नामुमकिन है। जिला प्रशासन ने फैसला किया है कि सभी शवों की पहचान DNA जांच के जरिए की जाएगी, ताकि उन्हें उनके परिजनों को सौंपा जा सके। प्रशासन ने जानकारी के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।
खबर की मुख्य बातें (Key Points):
- भयावह हादसा: जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर एक लक्जरी बस में आग लगने से 19 लोगों की मौत हो गई।
- कई यात्री घायल: हादसे में कई यात्री गंभीर रूप से झुलस गए हैं, जिन्हें जोधपुर रेफर किया गया है।
- पहचान मुश्किल: शव बुरी तरह जल जाने के कारण मृतकों की पहचान के लिए DNA टेस्ट कराया जाएगा।
- सरकार का एक्शन: मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताते हुए घायलों के उचित इलाज और जांच के निर्देश दिए हैं।






