The News Air (चंडीगढ़)- पंजाब में विस चुनाव 2022 से पहले राजनीतिक नेता सेंट्रल एजेंसियों के निशाने पर आ गए हैं। मंगलवार को अचानक लुधियाना से सुखबीर बादल के क़रीबी अकाली विधायक मनप्रीत सिंह अयाली पर इनकम टैक्स (IT) की रेड हो गई। अयाली सियासत के साथ रियल एस्टेट के भी बड़े कारोबारी हैं।
इससे पहले एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने AAP छोड़ कांग्रेसी नेता सुखपाल खैहरा को चंडीगढ़ से गिरफ़्तार कर लिया था। सेंट्रल एजेंसियां इसे रूटीन कार्रवाई बता रही हैं, लेकिन सियासत के लिहाज़ से अचानक बढ़ी सख़्ती को पंजाब चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। साढ़े 3 महीने बाद पंजाब में चुनाव होने हैं। दिसंबर-जनवरी में कभी भी आचार संहिता लग सकती है। ऐसे में केंद्र की तरफ़ से पंजाब के नेताओं के लिए इसे सियासी इशारा कहा जा रहा है।
पूछताछ चल रही थी, अचानक खैहरा को अरेस्ट किया
आम आदमी पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक सुखपाल खैहरा से ED की पूछताछ चल रही थी। अचानक उन्हें पूछताछ के लिए बुलाकर अरेस्ट कर लिया गया। चंडीगढ़ से गिरफ़्तारी के बाद मोहाली कोर्ट ने उन्हें 7 दिन की कस्टडी में भेजा है। खैहरा कहते भी रहे कि वह पूरा सहयोग कर रहे थे, लेकिन अचानक गिरफ़्तारी कर ली गई।
खैहरा के ज़रिए आप भी रडार पर
ED की कार्रवाई सिर्फ़ खैहरा तक सीमित नहीं है। ईडी जिस एक लाख डॉलर मामले की जांच कर रही है, वह आम आदमी पार्टी से जुड़ा हुआ है। खैहरा का कहना है कि वह अरविंद केजरीवाल के कहने पर अमेरिका गए थे। जहां यह डॉलर डोनेशन के रूप में मिले थे। उन्होंने यह डॉलर आम आदमी पार्टी को दे दिए थे। खैहरा के ज़रिए सेंट्रल एजेंसी आप तक भी पहुंच सकती है। जो पंजाब चुनाव में सरगर्म होकर काम कर रही है।
अयाली सुखबीर बादल के क़रीबी
मनप्रीत अयाली लुधियाना के दाखां से विधायक रह चुके हैं। उन्हें सुखबीर बादल का क़रीबी माना जाता है। सियासत के साथ उनका रियल एस्टेट का बड़ा कारोबार भी है। उनके कई ठिकानों पर इनकम टैक्स की जांच चल रही है। सियासी चर्चा यह भी है कि अयाली के ज़रिए कहीं सुखबीर बादल पर तो निशाना नहीं लगाया जा रहा।