नई दिल्ली, 06 सितंबर,(The News Air): इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गुरुवार को अपने स्टार्टअप एक्सेलेरेटर के दूसरे समूह की घोषणा की, जिसमें 125 प्रारंभिक स्टार्टअप को फंडिंग सहायता और मेंटरशिप प्रदान की जाएगी। यह पहल मंत्रालय की “समृद्ध” योजना के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य भारत के सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करना है।
125 स्टार्टअप्स को मिलेगा फंडिंग और मेंटरशिप
समृद्ध कार्यक्रम के तहत, चयनित स्टार्टअप को उत्पाद नवाचार, विकास और वृद्धि के लिए समर्थन मिलेगा। मंत्रालय ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 2 अक्टूबर है। पहले समूह में, 12 राज्यों से 22 स्टार्टअप को चुना गया था। इन स्टार्टअप्स को स्वास्थ्य-तकनीक, शिक्षा-तकनीक, कृषि-तकनीक, उपभोक्ता-तकनीक, वित्तीय-तकनीक, सॉफ्टवेयर ऐज़ ए सर्विस (सास) और स्थिरता जैसे क्षेत्रों में से चुना गया था।
पहले समूह में, 12 राज्यों से 22 स्टार्टअप को चुना गया था
दूसरे समूह का चयन और समर्थन सरकार के 100 दिवसीय एजेंडे का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य 300 स्टार्टअप को विकसित करना है। इस योजना का कार्यान्वयन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय स्टार्ट-अप हब और डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन द्वारा किया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा कि समृद्ध प्रोग्राम के तहत, चयनित स्टार्टअप को 40 लाख रुपये तक की मैचिंग फंडिंग प्रदान की जाएगी, साथ ही बाजार में उत्पादों को अनुकूलित करने, व्यापार योजना बनाने, निवेशकों के संपर्क बनाने और अंतरराष्ट्रीय विस्तार के लिए सहायता मिलेगी।
चयनित स्टार्टअप को 40 लाख रुपये तक की मैचिंग फंडिंग प्रदान की जाएगी
मंत्रालय ने यह भी बताया कि घरेलू सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योग को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से समर्थन प्राप्त हो रहा है, जैसे कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, टेक्नोलॉजिकल इनक्यूबेशन एंड डेवलपमेंट ऑफ एंटरप्रेन्योर्स (टीआईडीई) प्रोग्राम, नेक्स्ट जेनरेशन इनक्यूबेशन स्कीम (एनजीआईएस), और आईसीटी ग्रैंड चैलेंजेज। समृद्ध योजना की शुरुआत अगस्त 2021 में की गई थी और इसका उद्देश्य 4 वर्षों में 300 सॉफ्टवेयर उत्पाद स्टार्टअप को 99 करोड़ रुपये का समर्थन देना है। मंत्रालय के अनुसार, यह पहल देश के सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योग के विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।