बेंगलुरु में रेंट पर घर लेना हुआ मुश्किल, सिर्फ अच्छे कॉलेजों से पढ़े लोगों को फ्लैट देना चाहते हैं मकान मालिक

0
बेंगलुरु

इंडिया में पेरेंट्स बेहतर करियर के लिए अपने बच्चों को हायर स्टडीज के लिए प्रोत्साहित करते हैं। अब घर किराए पर लेने में भी हायर स्टडीज और अच्छी नौकरी से मदद मिलने लगी है। बेंगलुरु में मकानमालिक अपना घर ऐसे किराएदार को देना चाहते हैं जिनका एकैडमिक बैकग्राउंड शानदार रहा है और जो मोटी सैलरी वाली नौकरी करते हैं। अमित गुप्ता नाम के एक आंत्रप्रेन्योर ने ट्वीट किया है, “बच्चों, पढ़ाईलिखाई पर ज्यादा ध्यान दो नहीं तो भविष्य में तुम्हें किराए पर अपार्टमेंट नहीं मिलेगा।”

अच्छे कॉलेजों से पढ़ाई पर मिलती है अच्छी नौकरी

Nestaway Technologies के को-फाउंडर और सीईओ अमरेंद्र साहू ने कहा कि प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़ाने करने वाले लोगों को मोटी सैलरी वाली नौकरी मिलने की ज्यादा संभावना होती है। इससे वे हाई इनकम वर्ग में आते हैं। ऐसे लोगों को अपनी पसंद का अपार्टमेंट या घर मिलने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि मकानमालिकों को लगता है कि जो किराएदार आर्थिक रूप से मजबूत हैं, वे ज्यादा किराया चुका सकते हैं। यह धारणा पूरी तरह से गलत नहीं है। प्रतिष्ठित संस्थानों के ग्रेजुएट के लिए करियर प्रोस्पेक्ट बेहतर होता है। ऐसे में उन्हें अच्छी सैलरी वाली नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

10वीं और 12वीं के मार्क्स पूछ रहे मकानमालिक

बेंगलुरु के रहने वाले शुभ ने इस बारे में कहा कि मार्क्स भले ही फ्यूचर डिसाइड नहीं करते हैं, लेकिन वे पक्के तौर पर यह डिसाइड करते हैं कि बेंगुलुरु में आपको फ्लैट रेंट पर मिलेगा या नहीं। हाल में उनके एक कजन को बेंगलुरु में रेंट पर इसलिए अपार्टमेंट नहीं मिला, क्योंकि 12वीं में उनके मार्क्स 90 फीसदी से कम थे। शुभ ने मकानमालिक हुई बातचीत का स्क्रीनशॉट शेयर किया है। ब्रोकर ने उनके कजन का लिंक्डइन और ट्विटर हैंडल मांग था। उसने 10वीं और 12वीं की मार्क्सशीट भी मांगी थी।

सरकारी नौकरी वालों को घर मिलने में आसानी

एक आंत्रप्रेन्योर राहुल अरोड़ा ने कहा कि 22 साल की उम्र में एक अवॉर्ड विनिंग स्टार्टअप का सीईओ होने के बावजूद मैंने पाया कि मुझे बेंगलुरु में अपार्टमेंट नहीं मिलेगा, क्योंकि 12वीं में मेरे मार्क्स 79 फीसदी थे। हानू रेडी रियल्टी के किरण कुमार ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर में कीमतें बढ़ रही हैं। मकानमालिकों की अपनी वित्तीय जिम्मेदारियां हैं। इसलिए वे ऐसे लोगों को किराया पर घर देना चाहते हैं जिनकी रेगुलर इनकम है। उनकी दिलचस्पी सरकारी एंप्लॉयीज, बैंकर्स और मैनेजेरियल लेवल के एंप्लॉयीज को घर किराए पर देने में है।

0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments