नई दिल्ली (New Delhi), 25 जनवरी (The News Air):- पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) ने एक बार फिर से बांग्लादेश (Bangladesh) में सक्रियता बढ़ा दी है। हाल ही में, ISI ने चार शीर्ष अधिकारियों को गुपचुप तरीके से ढाका (Dhaka) भेजा, जिससे भारत (India) में सुरक्षा को लेकर हलचल मच गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि देश की सुरक्षा पर किसी भी खतरे से निपटने के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है।
क्या है पूरा मामला?
पाकिस्तान की ISI के विश्लेषण विभाग के निदेशक मेजर जनरल शाहिद अमीर अफसर (Major General Shahid Amir Afzal) समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल ही में ढाका का दौरा किया। यह दौरा तब हुआ जब बांग्लादेश के सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने 13 से 18 जनवरी के बीच रावलपिंडी (Rawalpindi) का दौरा किया था और पाकिस्तान की सेना, वायुसेना और नौसेना प्रमुखों से मुलाकात की थी।
बांग्लादेश में पाकिस्तान की बढ़ती गतिविधियों को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयस्वाल (Randhir Jaiswal) ने कहा, “हम अपने क्षेत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाली सभी घटनाओं पर नजर रखते हैं। यदि आवश्यक हुआ तो हम उचित कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।”
ISI की चाल और भारत की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश में ISI का यह दौरा करीब दो दशकों के बाद हुआ है। इससे पहले शेख हसीना (Sheikh Hasina) के नेतृत्व में ISI की सभी गतिविधियों पर कड़ी रोक लगाई गई थी। शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहते हुए बांग्लादेश ने पाकिस्तान की गुप्त गतिविधियों को उजागर किया और कई लोगों को गिरफ्तार कर मुकदमे चलाए।
अब, शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद, बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच सैन्य संबंध फिर से मजबूत हो रहे हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा?
1990 के दशक में ISI ने बांग्लादेश की जमीन का इस्तेमाल भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों (North-East India) में उग्रवाद को बढ़ावा देने के लिए किया था। अब ISI की वापसी से वही इतिहास दोहराए जाने की आशंका जताई जा रही है। भारत के लिए यह चिंता का विषय है, खासकर जब भारत-बांग्लादेश सीमा (India-Bangladesh Border) पर सुरक्षा संबंधी चुनौतियां पहले से ही मौजूद हैं।