रांची, 2 फरवरी (The News Air) “कोई झारखंडी कभी जेल जाने से डरता है क्या ?” Hemant Soren ने यह बात पिछले दो वर्षों में कई बार कही थी। अब वह जेल की चारदीवारी के अंदर हैं। राज्य में सत्ता और सरकार को लेकर चल रहे तमाम उथल-पुथल के बावजूद वह खुद को सामान्य बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
एक फरवरी को रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट में पेशी के बाद शाम करीब पांच बजे वो रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल ले जाए गए। जेल के अफसरों ने उन्हें खुद अपर डिवीजन ब्लॉक बी के सेल नंबर एक पहुंचाया।
उन्होंने जेल के अफसरों से कहा कि उन्हें किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। वे जेल के बाकी बंदियों की तरह सामान्य रूप से रहेंगे।
जेल सूत्रों ने बताया कि सेल में पहुंचने के बाद शाम को उन्हें पहले स्नैक्स ऑफर किया गया, लेकिन उन्होंने अनिच्छा जताई। इसके बाद रात साढ़े आठ बजे उन्होंने रोटी, दूध और गोभी की सब्जी खाई। फिर वह थोड़ी देर तक टहलते रहे।
जिस सेल में उन्हें रखा गया है, उसमें अटैच्ड बाथरूम और किचन भी है। हेमंत सोरेन रात करीब साढ़े बारह बजे बिस्तर पर गए। इसके पहले उनकी नजर राज्य में सरकार गठन को लेकर चल रहे घटनाक्रमों पर बनी हुई थी। उन्हें रात में सूचना मिल गई थी कि राज्यपाल ने सरकार बनाने के चंपई सोरेन को दावे को स्वीकार कर लिया है।
शुक्रवार की सुबह भी सोरेन करीब साढ़े पांच बजे जग गए थे। स्नान और पूजा के बाद वे तैयार हो गए। दोपहर करीब 12 बजे उन्हें पेशी के लिए पीएमएलए कोर्ट ले जाया गया।
कोर्ट ने ईडी के दरख्वास्त पर उन्हें पांच दिनों के लिए रिमांड पर भेज दिया। सबसे खास बात यह कि हेमंत सोरेन अपनी गिरफ्तारी के बाद बॉडी लैंग्वेज से खुद को मजबूत प्रदर्शित करने की कोशिश कर रहे हैं।
ईडी की हिरासत में जाते हुए, जेल जाते हुए या फिर कोर्ट में पेशी के वक्त उन्होंने न सिर्फ हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया, बल्कि लगातार मुस्कुराते रहे।