Iron Beam Laser System: युद्ध के तरीके अब पूरी तरह बदलने वाले हैं। अब जीत उसकी नहीं होगी जिसके पास ज्यादा गोला-बारूद है, बल्कि उसकी होगी जिसके पास ‘प्रकाश की गति’ वाली तकनीक है। इजराइल ने एक ऐसा हथियार तैयार कर लिया है जो हवा में ही दुश्मन के हमलों को मक्खन की तरह पिघला देगा और इस खबर ने पाकिस्तान की सेना की नींद उड़ा दी है।
इजराइल का यह नया हथियार, जिसे ‘आयरन डोम’ का जुड़वा भाई कहा जा रहा है, अब फ्रंट लाइन पर तैनाती के लिए तैयार है। यह दुनिया का इकलौता ऐसा सिस्टम है जो बिना कोई मिसाइल दागे, सिर्फ लेजर बीम से दुश्मन को खाक कर सकता है।
इजराइल की नई ‘अदृश्य’ दीवार
इजराइल की कंपनी Rafael Advanced Defense Systems ने इस घातक हथियार को बनाया है, जिसका नाम ‘आयरन बीम’ (Iron Beam) है। इसके 450 वर्जन ने अपने सभी फाइनल टेस्ट सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। परीक्षण के दौरान इस सिस्टम ने रॉकेट, मोर्टार और ड्रोन्स को बेहद तेजी और सटीकता से मार गिराया।
यह सिस्टम 100 किलोवाट की हाई एनर्जी वेपन तकनीक पर काम करता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह ‘लाइट की स्पीड’ यानी प्रकाश की गति से फायर करता है। पलक झपकने से पहले ही यह टारगेट को नष्ट कर देता है। इसे बार-बार रीलोड करने की जरूरत नहीं पड़ती और यह जमीन, समुद्र या हवा कहीं भी तैनात किया जा सकता है।
पाकिस्तान में क्यों मचा है हड़कंप?
भारत और इजराइल की गहरी दोस्ती किसी से छिपी नहीं है। पाकिस्तान जानता है कि इजराइल का हर आधुनिक हथियार अंततः भारतीय सेना के तरकश का हिस्सा बन जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की सेना में इस बात को लेकर डर का माहौल है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत अपनी सैन्य ताकत को लगातार बढ़ा रहा है। जिस तरह भारत को इजराइल से पहले ‘स्काई स्ट्राइकर’ और कामिकेज़ ड्रोन की तकनीक मिली है, वैसे ही भविष्य में यह लेजर तकनीक भी भारत आ सकती है। अगर आयरन डोम और आयरन बीम मिल जाएं, तो यह ‘एक और एक ग्यारह’ वाली ताकत बन जाएगी।
बेहद सस्ता और सटीक सौदा
आम तौर पर मिसाइल डिफेंस सिस्टम में एक इंटरसेप्शन (बचाव) का खर्चा करोड़ों में आता है, लेकिन आयरन बीम की लागत बेहद कम है। इसे सिर्फ इलेक्ट्रिक पावर चाहिए। यह दुश्मन के टारगेट को हवा में ही पिघला देता है, जिससे गोला-बारूद का खर्चा बचता है। यह ‘अनलिमिटेड एम्युनिशन’ (असीमित गोला-बारूद) वाला सिस्टम है।
भारत को कब मिलेगी यह तकनीक?
इजराइल डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ब्रांच के प्रमुख Danny Gold ने बताया है कि यह सिस्टम 30 दिसंबर 2025 को इजराइली सेना (IDF) को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद हमास, ईरान, हिजबुल्लाह और हूतियों के खतरों से निपटने में आसानी होगी।
भारत के नजरिए से देखें तो, 30 दिसंबर के बाद जब यह तकनीक पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएगी, तो भारत और इजराइल इसके आदान-प्रदान पर बात कर सकते हैं। संभावना है कि अगले साल इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत के दौरे पर आ सकते हैं, जहां इस ‘आयरन बीम’ को लेकर बड़ी डील पर चर्चा हो सकती है।
‘जानें पूरा मामला’
युद्ध अब तलवारों और तोपों से आगे निकलकर टेक्नोलॉजी पर निर्भर हो गया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भी देखा गया था कि कैसे S400 सिस्टम ने पाकिस्तान के निशानों को हवा में ही तबाह कर दिया था। अब भारत अपनी सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए रूस और फ्रांस के साथ-साथ इजराइल से भी लगातार आधुनिक तकनीक ले रहा है। यह नया लेजर सिस्टम उसी कड़ी में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है, जिसे दुनिया के किसी भी डिफेंस सिस्टम के साथ आसानी से जोड़ा जा सकता है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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Iron Beam को राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम्स ने बनाया है और इसके फाइनल टेस्ट पूरे हो चुके हैं।
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यह सिस्टम 30 दिसंबर 2025 को इजराइली सेना को सौंपा जाएगा।
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यह 100 किलोवाट ऊर्जा के साथ प्रकाश की गति से हमला करता है और 10 किमी तक मार कर सकता है।
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इसकी संचालन लागत (Cost) बेहद कम है और इसमें बारूद की जरूरत नहीं पड़ती।






