Cloudflare Global Outage : क्या हो अगर अचानक आपकी सोशल मीडिया टाइमलाइन जम जाए, काम के लिए जरूरी टूल्स खुलना बंद हो जाएं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जवाब देना बंद कर दे? ऐसा ही कुछ हुआ जब इंटरनेट की दुनिया अचानक थम सी गई। भारतीय समय के अनुसार शाम करीब 4:30 बजे पूरी दुनिया में एक डिजिटल कोहराम मच गया, जिसने आम यूजर से लेकर बड़ी कंपनियों तक को हिलाकर रख दिया। वजह कोई साइबर हमला नहीं, बल्कि इंटरनेट का ‘ट्रैफिक पुलिस’ कहा जाने वाला क्लाउडफ्लेयर (Cloudflare) था।
जब थम गई इंटरनेट की दुनिया
शाम के वक्त जब हजारों यूजर्स ने अपना काम निपटाने या सोशल मीडिया चेक करने की कोशिश की, तो उन्हें निराशा हाथ लगी। चैट जीपीटी (ChatGPT) से जवाब मिलने बंद हो गए, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट लोड नहीं हो रहे थे, और डिजाइनिंग प्लेटफॉर्म कैनवा (Canva) तो खुल ही नहीं रहा था। समस्या यहीं तक सीमित नहीं थी; कई वीडियो गेम सर्वर भी पूरी तरह फेल हो गए।
डाउन डिटेक्टर जैसी वेबसाइटों पर शिकायतों की बाढ़ आ गई। यूजर्स को स्क्रीन पर अजीबोगरीब एरर मैसेज दिखाई देने लगे, जिनमें से एक था— “https://www.google.com/search?q=Challenge.Cloudflare.com को अनब्लॉक करें।” इस संदेश ने यह स्पष्ट कर दिया कि समस्या इन वेबसाइटों के अपने सर्वर में नहीं, बल्कि उन्हें सुरक्षा और स्पीड देने वाले प्लेटफॉर्म क्लाउडफ्लेयर में थी।

आखिर क्या है यह ‘क्लाउडफ्लेयर’ और क्यों हुआ फेल?
इसे आसान भाषा में समझें तो क्लाउडफ्लेयर इंटरनेट का एक ‘मध्यवर्ती सुरक्षा कवच’ है। यह यूजर और वेबसाइट के बीच एक दीवार या ट्रैफिक कंट्रोलर की तरह काम करता है। जब आप किसी वेबसाइट पर जाते हैं, तो आपका डेटा सीधे वहां नहीं पहुंचता, बल्कि क्लाउडफ्लेयर के जरिए सुरक्षित और तेज गति से भेजा जाता है। यह साइबर हमलों से भी बचाता है।
लेकिन, जब यह ‘ट्रैफिक पुलिस’ ही काम करना बंद कर दे, तो पूरा इंटरनेट जाम हो जाता है। शुरुआती जांच में सामने आया कि क्लाउडफ्लेयर के सपोर्ट पोर्टल में एक तकनीकी दिक्कत आई थी, जो देखते ही देखते डोमिनो इफेक्ट की तरह उसके मुख्य नेटवर्क तक फैल गई। जब सर्वर सिंक फेल हुआ या डेटा गलत तरीके से रीडायरेक्ट होने लगा, तो इसका असर उन लाखों वेबसाइटों पर पड़ा जो क्लाउडफ्लेयर पर निर्भर थीं।
कंपनियों ने झाड़ा पल्ला, बताई असली वजह
इस डिजिटल ब्लैकआउट के दौरान एक आंकड़ा यह भी सामने आया कि करीब 75 लाख वेबसाइटें इस घटनाक्रम से प्रभावित हो सकती हैं। एक्स (X) और ओपन एआई (OpenAI) ने तुरंत सफाई दी कि उनके सिस्टम में कोई खराबी नहीं है, बल्कि यह समस्या क्लाउडफ्लेयर की वजह से आई है।
उधर, क्लाउडफ्लेयर ने अपने स्टेटस पेज पर माना कि वे समस्या से अवगत हैं। उन्होंने बताया कि उनके डैशबोर्ड फेल हो रहे हैं और ग्राहकों को दिक्कत आ रही है। हालांकि, कुछ घंटों बाद कंपनी ने अपडेट दिया कि सर्वर ठीक किए जा रहे हैं, लेकिन नेटवर्क में हो रहे सुधारों के चलते कुछ यूजर्स को थोड़ी देर और एरर मैसेज दिख सकते हैं।
आम जीवन पर असर
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि आज हम इंटरनेट पर किस हद तक निर्भर हैं। एक तकनीकी खामी ने न सिर्फ मनोरंजन और सोशल मीडिया को रोका, बल्कि कामकाज के जरूरी टूल्स को भी ठप कर दिया। यह ठीक वैसा ही था जैसे शहर के मुख्य चौराहे की ट्रैफिक लाइट खराब हो जाए और हर तरफ जाम लग जाए।
मुख्य बातें (Key Points)
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ब्लैकआउट का समय: भारतीय समय के अनुसार शाम 4:30 बजे चैट जीपीटी, एक्स और कैनवा जैसी प्रमुख साइट्स क्रैश हो गईं।
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वजह: क्लाउडफ्लेयर (Cloudflare) के सर्वर और रूटिंग में आई तकनीकी खराबी मुख्य कारण रही।
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प्रभाव: लगभग 75 लाख वेबसाइट्स के प्रभावित होने की आशंका; वीडियो गेम सर्वर भी फेल हुए।
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कंपनी का बयान: क्लाउडफ्लेयर ने समस्या स्वीकार की और सुधार कार्य शुरू किया; अन्य कंपनियों ने इसे अपनी गलती नहीं माना।
‘जानें पूरा मामला’
इंटरनेट की दुनिया में वेबसाइट्स को तेज गति और सुरक्षा प्रदान करने के लिए ‘कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क’ (CDN) का इस्तेमाल होता है, जिसमें क्लाउडफ्लेयर एक मार्केट लीडर है। यह घटना तब घटी जब क्लाउडफ्लेयर के नेटवर्क में एक आंतरिक तकनीकी त्रुटि (Glitch) आ गई। चूंकि दुनिया की हजारों बड़ी और छोटी वेबसाइट्स अपना डेटा ट्रैफिक मैनेज करने के लिए इसी सर्विस का इस्तेमाल करती हैं, इसलिए एक जगह आई खराबी ने पूरे इंटरनेट इकोसिस्टम को प्रभावित कर दिया। यह घटना डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की संवेदनशीलता और एक ही सर्विस प्रोवाइडर पर अत्यधिक निर्भरता के जोखिम को भी उजागर करती है।






