New Delhi: पुलिस ने मंगलवार को कहा कि बांग्लादेश और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के बीच चल रहे एक कथित अंग प्रत्यारोपण रैकेट के सिलसिले में दिल्ली के एक डॉक्टर सहित कम से कम सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच दो महीने से मामले पर काम कर रही थी। अधिकारियों ने कहा कि अधिकांश डोनर और रिसीवर बांग्लादेश से हैं और सर्जरी के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत लाए गए हैं।
डीसीपी क्राइम ब्रांच का प्रेस कॉन्फ्रेंस
क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित गोयल ने कहा, “एक अंतरराष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण रैकेट के सिलसिले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस रैकेट का मास्टरमाइंड एक बांग्लादेशी था। डोनर और रिसीवर दोनों बांग्लादेश से थे। हमने रसेल नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो रोगियों और डोनर की व्यवस्था करता था और प्रत्यारोपण में शामिल महिला डॉक्टर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।”
गिरोह प्रति ट्रांसप्लांट 25-30 लाख रुपये वसूलता था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, यह ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट 2019 से सक्रिय है।
Delhi Police Crime Branch arrested about 7 people including a doctor in connection with an organ transplant racket exposed by Delhi Police Crime Branch. The people involved in this racket had links in Bangladesh. They used to charge Rs 25-30 lakhs for each transplant. Both, the…
— ANI (@ANI) July 9, 2024
नोएडा के प्राइवेट हॉस्पिटल में सर्जरी
महिला डॉक्टर, जो वर्तमान में दक्षिण-पूर्व दिल्ली के एक प्रमुख अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन है, ने कथित तौर पर 2021 और 2023 के बीच बांग्लादेशी नागरिकों की सर्जरी की। उसने कथित तौर पर नोएडा स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में सर्जरी की, जहां वह विजिटिंग कंसल्टेंट थी।
इसके अलावा उसके सहायक और तीन बांग्लादेशी नागरिकों सहित चार अन्य को गिरफ्तार किया गया। ये गिरफ्तारियां पिछले दो सप्ताह में हुईं।
क्राइम ब्रांच डीसीपी अमित गोयल के मुताबिक किडनी ट्रांसप्लांट गैंग दो तरीकों से लोगों (donar) को बांग्लादेश से इंडिया बुलाया करते थे। पहले बांग्लादेश में गरीब लोगों (डोनर) को टारगेट करते थे। उनको पैसे का लालच देकर इंडिया बुलाते थे कि आपको एक किडनी देने पर लाखों रुपए दिए जाएंगे, जिसके बाद गरीब लोगों को इंडिया बुला लिया करते थे। दूसरा तरीका ये था कि बांग्लादेशी लोगों को इंडिया में अच्छी नौकरी देने का झांसा देते थे और उसके बाद उन लोगों को भारत बुला लिया करते थे।