नई दिल्ली (The News Air): हर साल 21 फरवरी को ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ (International Mother Language Day 2023) मनाया जाता है। दुनियाभर की भाषाओं (Languages) और सांस्कृतिक का सम्मान हो और इसके प्रति लोगों के अंदर प्रेम बना रहे इसलिए विश्व भर में आज के दिन अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का सबसे बड़ा उद्देश्य दुनियाभर में अपनी भाषा-संस्कृति (Language culture) के प्रति लोगों में रुझान पैदा करना और जागरुकता फैलाना है।
सबसे पहले इस देश ने की पहल
गौरतलब है कि आज दुनिया में लगभग 6 हजार से भी ज्यादा भाषाएं हैं। लुप्तप्राय भाषा परियोजना के अनुसार, दुनिया की 40 फीसदी से अधिक भाषाओं को विलुप्त होने का खतरा है। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की अनोखी पहल बांग्लादेश द्वारा की गई थी।
भारत में मातृभाषाएं
भारत में 234 पहचान योग्य मातृभाषाएं, 121 भाषाएं और लगभग 22 आधिकारिक भाषाएं हैं। सिंधी, कोंकणी, नेपाली, मणिपुरी, मैथिली, डोगरी, बोडो और संथाली ऐसी भाषाएं हैं जिन्हें संविधान में संशोधन के बाद संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ा गया था। पहले 14 भाषाएं थीं जिन्हें शुरू में संविधान में शामिल किया गया था।
साल 2023 की थीम
जानकारी के मुताबिक इस बार अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का 24वां संस्करण है जो बहुभाषी शिक्षा ‘शिक्षा को बदलने की आवश्यकता’ विषय पर केंद्रित होगा। बता दें कि लोगों को मातृभाषा के प्रति जागरूक करने के लिए सरकार इस दिन कार्यक्रम का भी आयोजन करती है।