Insurance FDI Limit Increase : आम आदमी की जेब पर बोझ बनने वाले महंगे इंश्योरेंस प्रीमियम से अब जल्द छुटकारा मिलने वाला है। संसद ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करने वाले विधेयक पर अपनी मुहर लगा दी है। इस फैसले के बाद अब विदेशी कंपनियां भारत में खुलकर निवेश कर सकेंगी, जिसका सीधा फायदा आपकी जेब को होगा।
संसद से पास हुआ ‘सबका बीमा’ बिल
बीमा सेक्टर में क्रांति लाने वाले ‘सबका बीमा, सबकी रक्षा विधेयक 2025’ को लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी ध्वनि मत से पारित कर दिया गया है। संसद ने विपक्ष द्वारा लाए गए उन सभी संशोधनों को खारिज कर दिया, जिसमें बिल को संसदीय समिति के पास भेजने की मांग की गई थी।
सरकार का मानना है कि इस कदम से देश में बीमा का दायरा बढ़ेगा। जब ज्यादा कंपनियां बाजार में आएंगी, तो उनके बीच प्रतिस्पर्धा (Competition) बढ़ेगी और ग्राहकों को लुभाने के लिए वे प्रीमियम की कीमतें कम करेंगी। यानी अब कम पैसे में आपको और आपके परिवार को बड़ा कवर मिल सकेगा।
रोजगार पर वित्त मंत्री का बड़ा दावा
संसद में बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष की उन चिंताओं को सिरे से खारिज कर दिया कि विदेशी निवेश से नौकरियां जाएंगी। उन्होंने आंकड़ों के साथ बताया कि 2014-15 में इस सेक्टर में कर्मचारियों और एजेंटों की संख्या 30 लाख थी, जो 2024-25 में तीन गुना बढ़कर 88 लाख हो गई है।
वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाया कि 100% एफडीआई होने के बाद जब नई कंपनियां आएंगी, तो ऑफिस स्टाफ से लेकर इंश्योरेंस एजेंट तक, हर स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
पैसे की सुरक्षा की पूरी गारंटी
विदेशी कंपनियों के आने पर क्या भारत का पैसा बाहर चला जाएगा? इस सवाल पर भी सरकार ने स्थिति साफ की है। वित्त मंत्री ने बताया कि बीमा नियामक (IRDAI) ने कड़े नियम तय किए हैं। सभी कंपनियों को 1.5 का ‘सॉल्वेंसी अनुपात’ (Solvency Ratio) बनाए रखना होगा।
आसान भाषा में समझें तो, कंपनियों की संपत्ति उनकी देनदारियों से डेढ़ गुना होनी चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी स्थिति में पॉलिसीधारक का क्लेम नहीं रुकेगा और पैसा सुरक्षित रहेगा। साथ ही, सरकार ने साफ किया कि इससे LIC कमजोर नहीं होगी, बल्कि उसे और सशक्त बनाया जा रहा है।
संपादकीय विश्लेषण: गेम चेंजर साबित होगा यह फैसला
एक वरिष्ठ पत्रकार के नजरिए से देखें तो यह फैसला बीमा क्षेत्र के लिए वैसा ही ‘गेम चेंजर’ साबित हो सकता है जैसा कभी टेलीकॉम सेक्टर में हुआ था। अब तक कुछ ही कंपनियों का वर्चस्व होने के कारण प्रीमियम महंगे थे और मनमानी शर्तें होती थीं। 100% एफडीआई के बाद ग्लोबल प्लेयर्स अपनी नई टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट्स के साथ भारत आएंगे। इससे न सिर्फ सर्विस बेहतर होगी, बल्कि आम भारतीय को ‘किफायती सुरक्षा कवच’ मिल सकेगा। यह उपभोक्ता यानी ‘कंज्यूमर’ की जीत है।
जानें पूरा मामला
भारत में बीमा की पहुंच अभी भी विकसित देशों के मुकाबले काफी कम है। सरकार ने पहले एफडीआई की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% की थी, लेकिन अब इसे पूरी तरह खोलते हुए 100% कर दिया गया है। इसका मकसद विदेशी पूंजी को आकर्षित करना और देश के हर नागरिक तक बीमा का लाभ पहुंचाना है। निजी कंपनियां सरकार की फसल बीमा योजना और जन सुरक्षा योजनाओं में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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बीमा क्षेत्र में FDI सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने वाला बिल संसद से पास।
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वित्त मंत्री ने कहा- प्रतियोगिता बढ़ने से सस्ता होगा Insurance Premium।
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बीमा क्षेत्र में रोजगार 30 लाख से बढ़कर 88 लाख हुए, आगे और बढ़ेंगे।
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कंपनियों को 1.5 गुना सॉल्वेंसी रेश्यो रखना अनिवार्य, ताकि पैसा सुरक्षित रहे।






