नई दिल्ली (New Delhi), 18 जनवरी (The News Air): भारतीय नौसेना का स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मुंबई (INS Mumbai), दक्षिण पूर्वी महासागर क्षेत्र में अपने परिचालन मिशन के तहत बहुराष्ट्रीय अभ्यास ला पेरोस (La Perouse) के चौथे संस्करण में भाग ले रहा है। यह अभ्यास समुद्री सुरक्षा, सहयोग और अंतर-संचालन को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण मंच है।
ला पेरोस अभ्यास में कौन-कौन से देश भाग ले रहे हैं? : इस अभ्यास में कई प्रमुख देशों की नौसेनाएं हिस्सा ले रही हैं, जिनमें शामिल हैं:
- ऑस्ट्रेलिया (Australia)
- फ्रांस (France)
- यूनाइटेड किंगडम (UK)
- संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
- इंडोनेशिया (Indonesia)
- मलेशिया (Malaysia)
- सिंगापुर (Singapore)
- कनाडा (Canada)
ला पेरोस अभ्यास का उद्देश्य और मुख्य आकर्षण : इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य समुद्री निगरानी (Maritime Surveillance), समुद्री अवरोधन (Maritime Interception) और हवाई संचालन (Aerial Operations) में सहयोग बढ़ाना है। इसके तहत निम्नलिखित प्रमुख गतिविधियां आयोजित की जाएंगी:
- सतह और वायु युद्ध (Surface and Air Warfare)।
- क्रॉस-डेक लैंडिंग (Cross Deck Landing)।
- सामरिक युद्धाभ्यास (Tactical Maneuvers)।
- विजिट, बोर्ड, सर्च एंड सीजर (VBSS) मिशन।
इस अभ्यास से समान विचारधारा वाली नौसेनाओं (Like-Minded Navies) के बीच घनिष्ठ समन्वय और अंतर-संचालन को प्रोत्साहन मिलेगा।
भारत के सागर विजन का हिस्सा : आईएनएस मुंबई की यह यात्रा भारत के सागर (SAGAR: Security and Growth for All in the Region) दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और विकास (Security and Development) को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है। भारतीय नौसेना के इस मिशन से भारत की समुद्री शक्ति (Maritime Power) और अंतरराष्ट्रीय सहयोग (International Collaboration) की प्रतिबद्धता जाहिर होती है।
भारतीय नौसेना और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए लाभ
- सामरिक साझेदारी (Strategic Partnership): यह अभ्यास समुद्री क्षेत्र में नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देता है।
- तकनीकी दक्षता (Technical Excellence): भारतीय नौसेना का आधुनिक तकनीकों का उपयोग और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ तालमेल।
- क्षेत्रीय स्थिरता (Regional Stability): हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांतिपूर्ण और संरक्षित परिवेश को सुनिश्चित करना।
भारतीय नौसेना का आईएनएस मुंबई, ला पेरोस अभ्यास में भागीदारी के साथ न केवल भारत की रणनीतिक क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहा है, बल्कि वैश्विक मंच पर समुद्री सहयोग और विश्वास को भी सुदृढ़ कर रहा है। यह मिशन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
“समुद्र की लहरों पर भारतीय नौसेना का परचम लहराता रहेगा!”