IndiGo Flight Cancellation News: भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) इन दिनों अपने यात्रियों के भारी गुस्से का सामना कर रही है। 3 और 4 दिसंबर 2025 को इंडिगो ने अचानक 300 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दीं, जिससे देश भर के एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी मच गई। करीब 30,000 से ज्यादा यात्रियों को बिना किसी पूर्व सूचना, खाने-पीने या मदद के एयरपोर्ट्स पर घंटों इंतजार करना पड़ा। यह संकट सिर्फ मौसम की वजह से नहीं, बल्कि सरकार के नए नियमों और पायलटों की कमी के कारण खड़ा हुआ है।
हजारों यात्रियों का बुरा हाल, एयरपोर्ट्स पर बवाल
3 दिसंबर को इंडिगो ने एक ही दिन में 200 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दीं, और अगले दिन भी 100 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुईं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे बड़े शहरों के एयरपोर्ट्स पर यात्रियों ने एयरलाइन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एक अनुमान के मुताबिक, अगर एक फ्लाइट में औसतन 150 यात्री भी हों, तो 200 उड़ानें रद्द होने का मतलब है कि 30,000 लोगों की यात्रा अधर में लटक गई। कई यात्री 10-10 घंटे तक एयरपोर्ट पर फंसे रहे, जिन्हें न तो सही जानकारी दी गई और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई।
क्या हैं वो नए नियम जिसने बढ़ाई मुसीबत?
इस पूरे संकट की जड़ में डीजीसीए (DGCA) के नए नियम हैं, जो पायलटों के आराम और उड़ान के समय (Flight Duty Time Limitation – FDTL) को लेकर हैं। इन नियमों के मुताबिक:
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वीकली रेस्ट: पहले पायलट हफ्ते में 36 घंटे आराम करते थे, अब उन्हें 48 घंटे का अनिवार्य आराम देना होगा।
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नाइट लैंडिंग: पहले एक पायलट रात में 6 बार लैंडिंग कर सकता था, अब यह सीमा घटाकर सिर्फ 2 बार कर दी गई है।
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रात की परिभाषा: पहले रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक का समय रात माना जाता था, अब इसे बढ़ाकर सुबह 6 बजे तक कर दिया गया है।
ये नियम पायलटों की थकान कम करने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए लाए गए हैं, लेकिन इनका सीधा असर एयरलाइंस के ऑपरेशन्स पर पड़ा है। इंडिगो के पास रात की उड़ानें ज्यादा हैं, लेकिन नए नियमों के हिसाब से उन्हें अब तीन गुना ज्यादा पायलटों की जरूरत है, जो उनके पास नहीं हैं।
डीजीसीए ने लगाई फटकार, मांगा जवाब
इस अफरा-तफरी के बीच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सख्त रुख अपनाया है। 4 दिसंबर को डीजीसीए ने इंडिगो के वरिष्ठ प्रबंधन को तलब किया और फटकार लगाई। डीजीसीए ने इंडिगो के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्हें चुनौतियों की जानकारी नहीं थी, क्योंकि ये नियम 6 महीने पहले ही अधिसूचित कर दिए गए थे। रेगुलेटर ने इंडिगो से इस संकट को सुलझाने के लिए एक समयबद्ध (Time-bound) समाधान की मांग की है।
इंडिगो का दबदबा और यात्रियों पर असर
इंडिगो की भारतीय घरेलू बाजार में 65% हिस्सेदारी है। इसका मतलब है कि अगर इंडिगो की उड़ानें रद्द होती हैं, तो इसका असर पूरे एविएशन सेक्टर पर पड़ता है। दूसरी एयरलाइंस पर भी यात्रियों का दबाव बढ़ जाता है और टिकटों के दाम आसमान छूने लगते हैं। इंडिगो का ‘लीन मॉडल’ (कम लोग, ज्यादा काम) जो अब तक उसकी ताकत था, अब वही उसके लिए मुसीबत बन गया है।
यात्रियों के लिए सलाह
अगर आपने इंडिगो या किसी अन्य एयरलाइन की टिकट बुक की है, तो एयरपोर्ट जाने से पहले अपनी फ्लाइट का स्टेटस जरूर चेक करें। बेवजह की परेशानी से बचने के लिए अपने साथ थोड़ा खाना-पानी और जरूरी दवाइयां रखें। यह संकट अभी कुछ और दिन चल सकता है, इसलिए मानसिक रूप से तैयार रहें।
मुख्य बातें (Key Points)
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इंडिगो ने 2 दिनों में 300 से ज्यादा उड़ानें रद्द कीं।
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करीब 30,000 यात्री देश भर के एयरपोर्ट्स पर फंसे रहे।
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नए FDTL नियमों के कारण पायलटों की कमी का संकट गहराया।
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डीजीसीए ने इंडिगो मैनेजमेंट को तलब कर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए।
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यात्रियों को फ्लाइट स्टेटस चेक करके ही एयरपोर्ट जाने की सलाह दी गई है।






