IndiGo Class Action Lawsuit की खबर ने एविएशन सेक्टर में हड़कंप मचा दिया है। हाल ही में हुई उड़ानों की भारी रद्दीकरण (Cancellation) से परेशान 800 से ज्यादा यात्रियों ने अब इंडिगो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और वे सामूहिक रूप से कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी पर अब तक का यह सबसे बड़ा कानूनी संकट मंडरा रहा है।
‘एयरपोर्ट बन गए थे रेलवे स्टेशन’
दिसंबर की 3, 4 और 5 तारीख भारत के Aviation Sector के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। हजारों उड़ाने रद्द हो गईं और एयरपोर्ट का नजारा रेलवे स्टेशन जैसा हो गया था। यात्रियों को न तो आगे की उड़ानों की जानकारी दी जा रही थी और न ही उनके रहने-खाने का इंतजाम था।
इसी अव्यवस्था और मानसिक प्रताड़ना के खिलाफ अब यात्री एकजुट हो रहे हैं। चूंकि इंडिगो की घरेलू उड़ानों में 60% से ज्यादा हिस्सेदारी है, इसलिए जब यह कंपनी डगमगाई, तो पूरा देश प्रभावित हुआ।
क्या है ‘Class Action’ जिसके तहत होगा केस?
आसान भाषा में समझें तो Class Action तब होता है जब समस्या किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि हजारों लोगों की एक जैसी होती है। इंडिगो संकट में हजारों लोग प्रभावित हुए। जब ये सभी पीड़ित एक मंच पर आकर, एक ही समस्या को लेकर कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) या केस दायर करते हैं, तो उसे क्लास एक्शन कहा जाता है।
अमेरिका की डेल्टा (Delta) और साउथवेस्ट (Southwest) जैसी एयरलाइंस भी पहले इस तरह की कानूनी कार्रवाई का सामना कर चुकी हैं। अब भारत में इंडिगो के खिलाफ इसी तर्ज पर तैयारी चल रही है।
संजय लाजर ने शुरू की मुहिम, 829 लोग जुड़े
एविएशन विशेषज्ञ Sanjay Lazar ने इस मुहिम की शुरुआत की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए एक Google Form जारी किया है, जिसे भरकर पीड़ित यात्री इस कानूनी लड़ाई का हिस्सा बन सकते हैं।
अब तक 829 से ज्यादा लोग अपने दस्तावेज (Documents) जमा कर चुके हैं और इस समूह में शामिल हो चुके हैं। ये यात्री कोर्ट के जरिए इंडिगो की जिम्मेदारी तय करवाना चाहते हैं ताकि उन्हें उचित रिफंड और मुआवजा मिल सके।
नियमों की अनदेखी और ‘ट्रैवल वाउचर’ का खेल
आरोप है कि इंडिगो को नए Pilot Fatigue नियमों (पायलटों के आराम के नियम) के बारे में पहले से पता था, लेकिन उन्होंने पर्याप्त पायलटों की भर्ती नहीं की। शक यह भी है कि कानूनों से बचने या राहत पाने के लिए यह संकट पैदा हुआ।
अब जब छवि खराब हुई तो कंपनी ने 10,000 रुपये तक के Travel Vouchers देने का ऐलान किया है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल डैमेज कंट्रोल है। कोर्ट में जाने पर कंपनी को इससे कहीं बड़ा हर्जाना भरना पड़ सकता है।
जानें पूरा मामला
दिसंबर की शुरुआत में इंडिगो एयरलाइंस की हजारों फ्लाइट्स रद्द हो गई थीं। इसका कारण पायलटों की कमी और खराब रोस्टर मैनेजमेंट बताया गया। यात्रियों को कई दिनों तक एयरपोर्ट पर भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। अब इसी कुप्रबंधन (Mismanagement) के खिलाफ यात्री संगठित होकर कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
-
इंडिगो के खिलाफ 829 से ज्यादा यात्री क्लास एक्शन लॉसूट (Class Action Lawsuit) की तैयारी में हैं।
-
एविएशन एक्सपर्ट संजय लाजर ने गूगल फॉर्म के जरिए पीड़ित यात्रियों को एकजुट किया है।
-
अमेरिका की डेल्टा एयरलाइंस की तर्ज पर भारत में मुआवजे की मांग की जा रही है।
-
यात्रियों का आरोप है कि इंडिगो के कुप्रबंधन के कारण उन्हें भारी मानसिक और आर्थिक नुकसान हुआ।






