ISI Spy Network in India : भारत में ISI Spy Network in India के तहत पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (ISI) ने अब डिजिटल युग की ताकत का इस्तेमाल करते हुए आम नागरिकों, खासकर YouTubers को जासूसी के जाल में फंसा लिया है। पंजाब (Punjab) पुलिस ने इस खुलासे के साथ सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है कि कैसे सोशल मीडिया की लोकप्रियता को हथियार बना कर पाकिस्तान, भारत की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाने की साजिश रच रहा है।
पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने एक बड़े खुलासे में बताया है कि पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (Inter-Services Intelligence – ISI) अब पारंपरिक जासूसी तरीकों की जगह डिजिटल और सोशल मीडिया को हथियार बनाकर भारत (India) में सूचनाएं इकट्ठा कर रही है। इस रणनीति के तहत YouTubers, मोची, दर्जी, सिम कार्ड विक्रेता और अन्य आम लोगों को निशाना बनाकर, सैन्य ठिकानों और संवेदनशील स्थलों की जानकारी जुटाई जा रही है।
सबसे बड़ा नाम रोपड़ (Ropar) के यूट्यूबर जसबीर सिंह (Jasbir Singh) का है, जिसके यूट्यूब चैनल “JaanMahal Video” पर 11 लाख सब्सक्राइबर हैं। जसबीर को पाकिस्तान के लिए संवेदनशील सूचनाएं भेजने के आरोप में 3 जून को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, वह तीन बार पाकिस्तान गया और ISI अधिकारियों के सीधे संपर्क में रहा।
इससे पहले हरियाणा (Haryana) की पुलिस ने यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) को भी इसी तरह के आरोपों में गिरफ्तार किया था। दोनों के वीडियो पाकिस्तान की यात्रा पर आधारित थे, जिनमें वे लाहौर (Lahore) की गलियों, गोलगप्पों और अन्य स्थलों का प्रचार करते नजर आते हैं।
पुलिस के अनुसार, ये वीडियो सिर्फ पर्यटन नहीं, बल्कि “हनी ट्रैप और नेटवर्क बिल्डिंग” का हिस्सा थे। पंजाब पुलिस ने पिछले एक महीने में 8 अन्य लोगों को भी ISI के लिए जासूसी करते हुए गिरफ्तार किया है, जिनमें शामिल हैं:
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28 अप्रैल: सुनील कुमार (Sunil Kumar), एक मोची (Cobbler), जिसने बठिंडा (Bathinda) मिलिट्री स्टेशन की जानकारी एक महिला एजेंट को दी।
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3 मई: सूरज मसीह (Suraj Masih) और फलक शेर मसीह (Falak Sher Masih), जिन्होंने अमृतसर (Amritsar) से BSF और सेना के ठिकानों की तस्वीरें भेजीं।
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8 मई: गजाला (Gajala) और यामीन मोहम्मद (Yamin Mohammad), मालेरकोटला (Malerkotla) से संवेदनशील जानकारियां लीक कीं।
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12 मई: नीरज कुमार (Neeraj Kumar), सिम कार्ड विक्रेता, जिसकी सिम पाकिस्तान में इस्तेमाल हुई।
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12 मई: रकीब (Raqeeb), दर्जी (Tailor), जो बठिंडा में सैन्य दस्तावेजों के साथ पकड़ा गया।
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15 मई: सुखप्रीत सिंह (Sukhpreet Singh) और करणबीर सिंह (Karanbir Singh), जिन्होंने गुरदासपुर (Gurdaspur) से ऑपरेशन सिंदूर की जानकारियां लीक कीं।
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3 जून: गगनदीप सिंह उर्फ गगन (Gagandeep Singh alias Gagan), जो तरनतारन (Tarn Taran) से ISI और खालिस्तानी नेता गोपाल सिंह चावला (Gopal Singh Chawla) से संपर्क में था।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव (Gaurav Yadav) के अनुसार, जसबीर सिंह ने पाकिस्तान उच्चायोग (Pakistan High Commission) के निष्कासित अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश (Ehsaan-ur-Raheem alias Danish) के निमंत्रण पर दिल्ली (Delhi) में आयोजित पाकिस्तान डे कार्यक्रम में भाग भी लिया था।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह एक उन्नत और सुनियोजित जासूसी नेटवर्क है, जिसमें सोशल मीडिया के जरिए जनमानस को प्रभावित करने के साथ-साथ रणनीतिक सूचनाएं भी एकत्र की जा रही हैं। यह जांच का विषय है कि यह नेटवर्क हालिया पहल्गाम (Pahalgam) आतंकी हमले के बाद खड़ा किया गया या पहले से ही धीरे-धीरे विकसित हो रहा था।






