India Pakistan Travel Advisory after Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है। इस स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तान (Pakistan) में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द अपने देश लौटने की सख्त सलाह दी है। इसके साथ ही भारत ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा से बचने की चेतावनी जारी की है।
इस गंभीर स्थिति के बीच, विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि भारत सरकार ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (Cabinet Committee on Security – CCS) के निर्देशों के तहत पाकिस्तान के नागरिकों के लिए सभी वीजा सेवाएं (Visa Services) तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी हैं। भारत द्वारा जारी किए गए सभी वैध वीजा 27 अप्रैल 2025 से अमान्य हो जाएंगे, जबकि केवल मेडिकल वीजा 29 अप्रैल तक वैध रहेंगे।
मंत्रालय ने आगे कहा कि वर्तमान में भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा की अवधि समाप्त होने से पहले देश छोड़ देना चाहिए। इसके साथ ही पाकिस्तान में रह रहे भारतीयों को सलाह दी गई है कि वे शीघ्रता से भारत लौट आएं। भारत सरकार ने यह निर्णय मंगलवार को पहलगाम के बैसरन (Baisaran) क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मृत्यु हो गई थी। यह हमला 2019 के पुलवामा (Pulwama) हमले के बाद सबसे बड़ा और खतरनाक माना जा रहा है।
इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ (The Resistance Front) ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़ा एक आतंकी संगठन है। इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) सहित शीर्ष मंत्रियों की मौजूदगी में सीसीएस बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए।
भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को स्थगित करने का ऐलान किया और एकीकृत अटारी चेक पोस्ट (Attari Check Post) को भी बंद करने का निर्णय लिया। इसके अलावा, पाकिस्तानी उच्चायोग (Pakistani High Commission) के कई अधिकारियों को persona non grata घोषित कर एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। भारत ने सार्क वीजा छूट योजना (SAARC Visa Exemption Scheme – SVES) के तहत जारी वीजा भी रद्द कर दिए हैं और पाकिस्तान को 48 घंटे के भीतर सभी संबंधित नागरिकों को वापस बुलाने को कहा गया है।
भारत का यह कदम स्पष्ट करता है कि वह अब केवल सीमाओं की सुरक्षा नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भी आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रणनीति के तहत काम कर रहा है। यह रणनीति न सिर्फ आतंकी गतिविधियों को बेनकाब कर रही है, बल्कि पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बना रही है।