IndiaAI Mission : भारत सरकार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए इंडियाएआई मिशन के तहत पांच वर्षों के लिए ₹10,300 करोड़ से अधिक का निवेश किया है। इस मिशन के तहत 38,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) तैनात किए गए हैं जो देश में समावेशी नवाचार को सक्षम बना रहे हैं। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की 2025 ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी रिपोर्ट के अनुसार भारत ने एआई प्रतिस्पर्धात्मकता में वैश्विक स्तर पर तीसरा स्थान हासिल किया है।
भारत की एआई क्रांति की शुरुआत
भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा संचालित एक नए युग की कगार पर खड़ा है। एआई अब केवल शोध प्रयोगशालाओं या बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं रहा बल्कि यह हर स्तर पर नागरिकों तक पहुंच रहा है। दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बेहतर बनाने से लेकर किसानों को फसल के बारे में सही निर्णय लेने में मदद करने तक, एआई दैनिक जीवन को सरल, स्मार्ट और अधिक कनेक्टेड बना रहा है।
व्यक्तिगत शिक्षा के माध्यम से कक्षाओं में क्रांति आ रही है। शहर साफ और सुरक्षित हो रहे हैं। तेज डेटा-आधारित शासन के माध्यम से सार्वजनिक सेवाएं बेहतर हो रही हैं।
₹10,371 करोड़ का इंडियाएआई मिशन
“भारत में एआई बनाना और एआई को भारत के लिए कारगर बनाना” के विजन से प्रेरित होकर कैबिनेट ने मार्च 2024 में इंडियाएआई मिशन को मंजूरी दी। इसका पांच वर्षों के लिए बजट ₹10,371.92 करोड़ है। यह मिशन भारत को कृत्रिम बुद्धिमत्ता में वैश्विक नेता बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
मिशन ने देश की कंप्यूटिंग अवसंरचना के विस्तार में मजबूत प्रगति की है। 10,000 GPU के प्रारंभिक लक्ष्य से भारत ने अब 38,000 GPU हासिल कर लिए हैं। ये GPU केवल ₹65 प्रति घंटा की सब्सिडी दर पर उपलब्ध हैं जो विश्व-स्तरीय एआई संसाधनों तक किफायती पहुंच प्रदान करते हैं।
भारत के एआई इकोसिस्टम की वर्तमान स्थिति
भारत का प्रौद्योगिकी क्षेत्र तेजी से विस्तार कर रहा है। इस वर्ष इसके वार्षिक राजस्व के 280 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आंकड़ा पार कर जाने का अनुमान है। प्रौद्योगिकी और एआई इकोसिस्टम में 60 लाख से अधिक लोग काम कर रहे हैं।
देश में 1,800 से अधिक वैश्विक क्षमता केंद्र हैं जिनमें 500 से अधिक एआई पर केंद्रित हैं। भारत में लगभग 1.8 लाख स्टार्टअप्स हैं और पिछले वर्ष लॉन्च हुए नए स्टार्टअप्स में से लगभग 89% ने अपने उत्पादों या सेवाओं में एआई का उपयोग किया।
नैसकॉम एआई एडॉप्शन इंडेक्स पर भारत ने 4 में से 2.45 अंक प्राप्त किए हैं। इससे पता चलता है कि 87% उद्यम सक्रिय रूप से एआई समाधान का उपयोग कर रहे हैं।
एआई अपनाने में अग्रणी क्षेत्र
एआई अपनाने में सबसे आगे औद्योगिक और ऑटोमोटिव क्षेत्र है। उसके बाद उपभोक्ता वस्तुएं और खुदरा क्षेत्र, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं तथा बीमा और स्वास्थ्य सेवा आती है। ये मिलकर एआई के कुल मूल्य का लगभग 60 प्रतिशत का योगदान करते हैं।
हाल ही में किए गए एक बीसीजी सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 26% भारतीय कंपनियों ने बड़े पैमाने पर एआई परिपक्वता हासिल कर ली है। भारत गिटहब पर एआई परियोजनाओं में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता भी है जो इसके डेवलपर समुदाय की ताकत को उजागर करता है।
स्टैनफोर्ड रैंकिंग में तीसरा स्थान
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के 2025 ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी टूल की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रतिस्पर्धात्मकता में वैश्विक स्तर पर तीसरा स्थान हासिल किया है। यह रैंकिंग वैश्विक एआई परिदृश्य में भारत के तेज विकास को उजागर करती है।
रिपोर्ट 2017 से 2024 तक एआई विकास और नवाचार को मापती है। यह उपलब्धि भारत की तेजी से बढ़ती एआई प्रतिभा, मजबूत अनुसंधान क्षमताओं, जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम, निवेश और आर्थिक प्रभाव, अवसंरचना और नीति तथा शासन को रेखांकित करती है।
इंडियाएआई मिशन के सात स्तंभ
1. इंडियाएआई कंप्यूट स्तंभ: यह स्तंभ किफायती लागतों पर उच्च-स्तरीय GPU उपलब्ध कराता है। 38,000 से अधिक GPU शामिल किए गए हैं जो केवल ₹65 प्रति घंटा की सब्सिडी दर पर उपलब्ध हैं।
2. इंडियाएआई एप्लिकेशन डिवेलपमेंट पहल: यह स्तंभ विशेष रूप से भारत की चुनौतियों के लिए एआई एप्लीकेशन विकसित करता है। इसमें स्वास्थ्य सेवा, कृषि, जलवायु परिवर्तन, शासन और सहायक शिक्षण प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। जुलाई 2025 तक तीस एप्लीकेशंस को मंजूरी दी गई है।
3. एआईकोश (डेटासेट प्लेटफॉर्म): एआईकोश एआई मॉडल्स के प्रशिक्षण के लिए बड़े डेटासेट विकसित करता है। इस प्लेटफॉर्म में 20 क्षेत्रों में 5,500 से अधिक डेटासेट और 251 एआई मॉडल्स हैं। दिसंबर 2025 तक प्लेटफॉर्म पर 3,85,000 से अधिक विजिट्स, 11,000 पंजीकृत उपयोगकर्ता और 26,000 डाउनलोड हुए हैं।
4. इंडियाएआई फाउंडेशन मॉडल्स: यह स्तंभ भारतीय डेटा और भाषाओं का उपयोग करके भारत के अपने बड़े मल्टीमॉडल मॉडल्स विकसित करता है। पहले और दूसरे चरण में बारह स्टार्टअप्स को चुना गया जिनमें सर्वम एआई, सॉकेट एआई, ज्ञानी एआई, गण एआई, अवतार एआई, आईआईटी बॉम्बे कंसोर्टियम – भारतजेन, जेंटीक, जेन लूप, इंटेलिहेल्थ, शोध एआई, फ्रैक्टल एनालिटिक्स और टेक महिंद्रा मेकर्स लैब शामिल हैं।
5. इंडियाएआई फ्यूचर स्किल्स: यह स्तंभ एआई-कुशल पेशेवर तैयार करता है। 500 पीएचडी फेलो, 5,000 स्नातकोत्तर और 8,000 स्नातकों को समर्थन प्रदान किया जाता है। जुलाई 2025 तक 200 से अधिक छात्रों को फेलोशिप मिली। टियर 2 और टियर 3 शहरों में डेटा और एआई लैब्स स्थापित की जा रही हैं। 31 लैब एनआईईएलआईटी और उद्योग साझेदारों के साथ लॉन्च की गई हैं।
6. इंडियाएआई स्टार्टअप वित्तपोषण: यह स्तंभ एआई स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इंडियाएआई स्टार्टअप्स ग्लोबल प्रोग्राम मार्च 2025 में लॉन्च किया गया जो 10 भारतीय स्टार्टअप्स को स्टेशन एफ और एचईसी पेरिस के सहयोग से यूरोपीय बाजार तक विस्तृत करने में मदद करता है।
7. सुरक्षित और विश्वसनीय एआई: यह स्तंभ मजबूत शासन के साथ जिम्मेदार एआई एडॉप्शन सुनिश्चित करता है। 13 परियोजनाओं को चुना और प्रारंभ किया गया है जो मशीन अनलर्निंग, पूर्वाग्रह शमन, निजता-संरक्षित मशीन लर्निंग, व्याख्यात्मकता, ऑडिटिंग और शासन परीक्षण पर केंद्रित हैं।
भारतजेन एआई: देश का पहला बहुभाषी एआई मॉडल
2 जून 2025 को भारतजेन समिट में लॉन्च किया गया भारतजेन एआई पहला सरकार द्वारा वित्तपोषित देशज मल्टीमॉडल बड़ा भाषा मॉडल है। यह 22 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है और टेक्स्ट, संभाषण और छवि की समझ को एकीकृत करता है।
घरेलू डेटासेट्स का उपयोग करके बनाया गया भारतजेन एआई भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। यह स्टार्टअप्स और शोधकर्ताओं के लिए एक साझा प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जिससे वे भारतीय आवश्यकताओं के अनुसार एआई समाधान बना सकें।
भाषिणी: भाषा की बाधाएं तोड़ता एआई प्लेटफॉर्म
भाषिणी एक एआई-संचालित प्लेटफॉर्म है जो कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद और संभाषण उपकरण प्रदान करके भाषा की बाधाओं को तोड़ता है। जुलाई 2022 में लॉन्च होने के बाद से भाषिणी के डाउनलोड का आंकड़ा 10 लाख को पार कर गया है।
यह 20 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है और 350 से अधिक एआई मॉडल्स को एकीकृत करता है। 450+ सक्रिय ग्राहकों के साथ यह डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देना और भाषाई खाई को पाटना जारी रखे हुए है।
जून 2025 में डिजिटल इंडिया भाषिणी डिवीजन और रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (सीआरआईएस) ने सार्वजनिक रेलवे प्लेटफॉर्म्स पर बहुभाषी एआई समाधान तैनात करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
सर्वम एआई: स्मार्ट आधार सेवाएं
सर्वम एआई, बेंगलुरु स्थित कंपनी, उन्नत एआई अनुसंधान को व्यावहारिक शासन समाधानों में परिवर्तित कर रही है। यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के साथ साझेदारी में यह जनरेटिव एआई का उपयोग करके आधार सेवाओं को अधिक स्मार्ट और सुरक्षित बना रही है।
अप्रैल 2025 में सर्वम एआई को भारत का संप्रभु एलएलएम इकोसिस्टम बनाने की मंजूरी मिली जो एक ओपन-सोर्स मॉडल है और सार्वजनिक सेवा वितरण को बेहतर बनाने और डिजिटल भरोसे को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
एआई से दैनिक जीवन में बदलाव
स्वास्थ्य सेवा: एआई चिकित्सकों को बीमारियों का जल्दी पता लगाने, चिकित्सा स्कैन का विश्लेषण करने और व्यक्तिगत उपचार की सिफारिश करने में मदद करता है। एआई-संचालित टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को शीर्ष अस्पतालों के विशेषज्ञों से जोड़ते हैं जिससे समय और लागत बचती है।
कृषि: किसानों के लिए एआई एक विश्वसनीय डिजिटल साथी है। यह मौसम की भविष्यवाणी करता है, कीट हमलों का पता लगाता है और सिंचाई व बुआई के लिए उपयुक्त समय सुझाता है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय एआई का उपयोग किसान ई-मित्र जैसी पहलों के माध्यम से कर रहा है।
शिक्षा: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सीबीएसई कक्षा VI से 15 घंटे का एआई कौशल मॉड्यूल और कक्षा IX से XII तक वैकल्पिक एआई विषय प्रदान करता है। एनसीईआरटी का दीक्षा डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म एआई उपकरणों का उपयोग करता है।
शासन और न्याय: ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट फेज III के तहत न्याय प्रणाली को अधिक कुशल और सुलभ बनाने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियां एकीकृत की जा रही हैं। उच्च न्यायालयों में एआई अनुवाद समितियां सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्णयों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कर रही हैं।
मौसम पूर्वानुमान: भारतीय मौसम विभाग एआई-आधारित मॉडल्स का उपयोग वर्षा, धुंध, बिजली और आग का पूर्वानुमान लगाने के लिए करता है। मौसमजीपीटी एक आगामी एआई चैटबॉट है जो किसानों तथा आपदा प्रबंधन एजेंसियों को रियल-टाइम सलाह प्रदान करेगा।
49 करोड़ अनौपचारिक श्रमिकों के लिए एआई
नीति आयोग की रिपोर्ट “समावेशी सामाजिक विकास के लिए एआई” (अक्टूबर 2025) भारत के 49 करोड़ अनौपचारिक श्रमिकों को सशक्त बनाने का रोडमैप प्रस्तुत करती है। रिपोर्ट बताती है कि एआई-आधारित उपकरण लाखों ऐसे लोगों की उत्पादकता और लचीलेपन को बढ़ा सकते हैं जो भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।
डिजिटल श्रमसेतु मिशन भारत के अनौपचारिक क्षेत्र के लिए अग्रणी प्रौद्योगिकियों को बड़े पैमाने पर लागू करने की एक राष्ट्रीय पहल है। वर्ष 2035 तक वॉयस-फर्स्ट एआई इंटरफेस भाषा और साक्षरता की बाधाओं को पार कर लेंगे।
एआई से रोजगार बढ़ेगा, घटेगा नहीं
नैसकॉम की रिपोर्ट “एडवांसिंग इंडियाज एआई स्किल्स” (अगस्त 2024) के अनुसार भारत का एआई प्रतिभा आधार 6-6.5 लाख पेशेवरों से बढ़कर साल 2027 तक 12.5 लाख से अधिक होने की संभावना है। यह 15 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर दर्शाता है।
अगस्त 2025 तक लगभग 8.65 लाख उम्मीदवार विभिन्न उभरती प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों में नामांकित या प्रशिक्षित हो चुके हैं जिसमें 3.20 लाख एआई और बिग डेटा एनालिटिक्स में हैं।
इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट 2026
भारत फरवरी 2026 में एआई इम्पैक्ट समिट की मेजबानी करेगा। इस समिट में भारत की एआई क्षमताओं को प्रदर्शित किया जाएगा। 18 सितंबर 2025 को भारत ने इस कार्यक्रम का लोगो और प्रमुख पहलों का अनावरण किया।
मुख्य पहलें हैं:
- एआई पिच फेस्ट (उड़ान): दुनिया भर के एआई स्टार्टअप्स के लिए एक मंच
- वैश्विक नवाचार चुनौतियां: युवाओं, महिलाओं और अन्य प्रतिभागियों के लिए
- अनुसंधान संगोष्ठी: नवीनतम एआई अनुसंधान को प्रदर्शित करने के लिए
- एआई एक्सपो: भारत और 30+ देशों के 300+ प्रदर्शक शामिल होंगे
2035 तक का कार्यान्वयन रोडमैप
चरण 1 (2025-2026): मिशन अभिमुखीकरण – मिशन चार्टर का प्रारूपण, स्पष्ट लक्ष्य और समय-सीमाएं निर्धारित
चरण 2 (2026-2027): संस्थागत ढांचे की स्थापना – अंतर-क्षेत्रीय शासन संरचनाओं और नेतृत्व भूमिकाओं की स्थापना
चरण 3 (2027-2029): प्रायोगिक परियोजनाओं का शुभारंभ – उच्च तत्परता वाले क्षेत्रों में समाधानों का परीक्षण
चरण 4 (2029 से आगे): राष्ट्रव्यापी विस्तार – सफल समाधानों को राज्यों और शहरों में व्यापक स्तर पर लागू करना
आम आदमी पर असर
इस मिशन का सीधा असर आम नागरिकों पर पड़ेगा। किसानों को बेहतर फसल सलाह मिलेगी। मरीजों को दूरदराज इलाकों में भी अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिलेगी। छात्रों को व्यक्तिगत शिक्षा मिलेगी। न्याय व्यवस्था तेज और पारदर्शी होगी। 49 करोड़ अनौपचारिक श्रमिकों को डिजिटल सशक्तिकरण मिलेगा।
2035 तक एआई भारत की अर्थव्यवस्था में $1.7 ट्रिलियन जोड़ सकता है जो देश के विकास को नई गति देगा।
मुख्य बातें (Key Points)
- ₹10,371.92 करोड़ का इंडियाएआई मिशन पांच वर्षों के लिए स्वीकृत, 38,000 GPU तैनात जो ₹65 प्रति घंटा पर उपलब्ध
- स्टैनफोर्ड रैंकिंग 2025 में भारत वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर, 60 लाख लोग प्रौद्योगिकी और एआई इकोसिस्टम में कार्यरत
- भारतजेन एआई देश का पहला सरकारी मल्टीमॉडल एआई मॉडल जो 22 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है
- 2035 तक एआई भारत की अर्थव्यवस्था में $1.7 ट्रिलियन जोड़ने और एआई प्रतिभा आधार 12.5 लाख तक पहुंचने का अनुमान
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न






