India Suspends Indus Water Treaty with Pakistan : पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले के बाद भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को सस्पेंड करने का ऐलान कर दिया है। मोदी सरकार (Modi Government) ने तीन चरणों में इस फैसले को लागू करने की योजना बनाई है, जिसके तहत पाकिस्तान की ओर बहने वाले सिंधु नदी (Indus River) के पानी का प्रवाह रोक दिया जाएगा। इस फैसले के बाद पाकिस्तान में पहले से ही मची अफरा-तफरी और बढ़ गई है, जहां सिंधु नदी की एक-एक बूंद के लिए भारी आंदोलन चल रहा है।
पाकिस्तान में सिंध प्रांत (Sindh Province) के लोग सिंधु नदी पर नहरें बनाने के सरकारी प्रयासों का विरोध कर रहे हैं। आंदोलन इतना तेज हो गया है कि उद्योगों में उत्पादन ठप पड़ गया है, कच्चे माल की भारी कमी हो गई है, तेल के टैंकर रास्ते में फंसे हुए हैं और प्रमुख हाइवे जाम हो गए हैं। यहां तक कि कराची (Karachi) तक आंदोलन की लपटें फैल गई हैं। गाँवों और शहरों के लोग सरकार के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। इस बीच जब भारत से सिंधु नदी का प्रवाह अभी भी जारी है, तब यह हाल है। अगर भारत ने पानी रोक दिया तो पाकिस्तान में हालात और भी बदतर हो सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, आंदोलनकारियों ने धरना खत्म करने से साफ इनकार कर दिया है। 15 हजार से अधिक वाहन रास्ते में फंसे हुए हैं और जनता का सरकार के आश्वासन पर कोई भरोसा नहीं है। मजबूर होकर पाकिस्तान सरकार ने नहर परियोजना को फिलहाल स्थगित कर दिया है और घोषणा की है कि इस विषय पर 2 मई को काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट (Council of Common Interest) की बैठक में आम सहमति बनने तक काम नहीं शुरू किया जाएगा।
बलूचिस्तान (Balochistan) और सिंध (Sindh) प्रांत के लोगों का कहना है कि इस नहर परियोजना के कारण सिंधु नदी का प्रवाह बदल जाएगा और उनके क्षेत्रों में पानी की भारी कमी हो जाएगी, जिससे उनकी कृषि पर गंभीर असर पड़ेगा। लोगों का आरोप है कि सरकार कुछ प्रभावशाली लोगों के इशारे पर यह योजना लागू करना चाहती है। अब बड़ा सवाल यह है कि जब भारत ने सिंधु नदी का पानी रोकने का ऐलान कर दिया है, तो पाकिस्तान के हालात किस हद तक बिगड़ सकते हैं।






