India Russia S400 Deal तमाम अंतरराष्ट्रीय दबावों के बावजूद भारत और रूस की दोस्ती ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की परेशानी की खबरों के बीच अब यह दोस्ती एक और बड़ी डील के साथ पाकिस्तान की नींद उड़ाने वाली है, जिसके तहत भारत अपने रक्षा क्षेत्र को और भी मजबूत करने जा रहा है। इस गहरी दोस्ती के पीछे सबसे बड़ी वजह रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों का सहयोग है।
दिसंबर में पुतिन का भारत दौरा, होंगी ऐतिहासिक मुलाकातें
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। यहां उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होगी, जिसे एक अहम और ऐतिहासिक मुलाकात माना जा रहा है। इस मुलाकात से ठीक पहले ही भारत ने रूस की झोली भर दी है। खबर है कि भारत लगभग ₹56,000 करोड़ की लागत से रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के पाँच और स्क्वाड्रन खरीदने की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि मोदी और पुतिन की इस मुलाकात के दौरान इस डील पर अंतिम मुहर लग सकती है।
₹1,000 करोड़ की मिसाइल डील फाइनल
डिफेंस सिस्टम के लिए यह डबल खुशी की बात है। S-400 को लेकर एक और बड़ी खबर सामने आई है। भारत ने रूस के साथ एयर डिफेंस सिस्टम के लिए 300 मिसाइलें खरीदने का फैसला किया है। इस खरीद के लिए भारत ने रूस के साथ ₹1,000 करोड़ से भी ज्यादा कीमत की डिफेंस डील की है। इस डील का प्रोसेस जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद खाली स्टॉक को भरने की तैयारी
इन मिसाइलों की खरीद की ज़रूरत इसलिए पड़ी क्योंकि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान S-400 ने अपनी ताकत दिखाई थी। उस समय S-400 में इस्तेमाल होने वाली मिसाइलों का जमकर उपयोग हुआ था, जिसने पाकिस्तान के हर वार को नाकाम कर दिया था। इस उपयोग के कारण मिसाइलों का स्टॉक खाली हो गया था। अब उसी खाली हुए रिजर्व को भरने का काम शुरू हो गया है और यह प्रक्रिया फ़ास्ट ट्रैक पर चलाई जा रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मिली मंजूरी
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने इस खरीद के लिए पहले ही मंजूरी दे दी है। साथ ही ‘एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी’ (AoN) को भी हरी झंडी दिखाई जा चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रक्षा मंत्रालय जल्द ही रूस की सरकारी कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (Rosoboronexport) को ‘रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल’ (RFP) भेजेगा।
डील इसी वित्तीय वर्ष में पूरी होने की उम्मीद
कयास लगाए जा रहे हैं कि कॉस्ट नेगोशिएशन कमेटी (CNC) और कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की मंजूरी के बाद यह डील इसी फाइनेंशियल ईयर (वित्तीय वर्ष) में पूरी हो सकती है। भारत अपने एयर डिफेंस सिस्टम को और मजबूत करने के लिए पाँच और S-400 सिस्टम खरीदने पर विचार कर रहा है। भारतीय सेना रूसी पैंटसर (Pantsir) मिसाइल सिस्टम को भी खरीदने पर विचार कर रही है, जो ड्रोन जैसे खतरों से निपटने में बेहद कारगर है। S-400 और पैंटसर को मिलाकर दो लेयर वाली एयर डिफेंस व्यवस्था बनाई जा सकती है।
क्या है पृष्ठभूमि
भारत का अपने रक्षा तंत्र को मजबूत करना दुश्मनों के लिए हमेशा एक बुरी खबर रही है। भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग हमेशा से ही प्रमुख रहा है। 5 दिसंबर को होने वाली पुतिन की भारत यात्रा के दौरान, नए S-500 एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य संयुक्त रक्षा परियोजनाओं का मुद्दा भी चर्चा में उठाया जा सकता है। हालांकि, अभी तक इन पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। रक्षा मंत्रालय के ₹100 करोड़ के ‘मीडियम एटीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस’ (MALE) ड्रोन प्रोजेक्ट में 20 से ज्यादा भारतीय प्राइवेट कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है, जिससे घरेलू रक्षा उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्य बातें (Key Points)
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत की यात्रा पर आ रहे हैं, इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी से उनकी मुलाकात होगी।
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भारत रूस से लगभग ₹56,000 करोड़ की लागत से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के पाँच और स्क्वाड्रन खरीदने की तैयारी कर रहा है।
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‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद खाली हुए स्टॉक को भरने के लिए भारत ने ₹1,000 करोड़ से अधिक की लागत से 300 मिसाइलें खरीदने का भी फैसला किया है।
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भारत अपने एयर डिफेंस को और मजबूत करने के लिए S-400 के अलावा रूसी पैंटसर मिसाइल सिस्टम खरीदने पर भी विचार कर रहा है।






