India Oman Free Trade Agreement : ओमान की राजधानी मस्कट में आज भारत कूटनीति और व्यापार का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भारत और ओमान के बीच ऐतिहासिक Free Trade Agreement पर हस्ताक्षर होने जा रहे हैं, जो न केवल दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि वाशिंगटन तक भारत की स्वतंत्र और दमदार विदेश नीति का डंका बजाएगा।
व्यापार के साथ कूटनीतिक जीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन देशों की विदेश यात्रा के अंतिम चरण में इथियोपिया से ओमान पहुंचे हैं। मस्कट में होने वाला यह समझौता महज कागजी कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा रणनीतिक कदम है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल पहले ही वहां पहुंच चुके हैं और CEPA (व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते) को अंतिम रूप दिया जा चुका है।
इस समझौते से भारत के Textile, Food Processing, Automobile, Auto Components और Gems and Jewellery जैसे सेक्टर्स के लिए ओमान में एक विशाल बाजार खुलने वाला है। इसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा, क्योंकि कस्टम ड्यूटी कम होने या खत्म होने से व्यापार बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
ओमान में भारत का बढ़ता कद
यह समझौता इसलिए भी खास है क्योंकि ओमान, Gulf Cooperation Council (GCC) देशों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा Export Destination है। आंकड़ों पर नजर डालें तो 2024-25 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार करीब 10.5 अरब डॉलर रहा है। इसमें भारत का निर्यात 4 अरब डॉलर से ज्यादा का है।
ओमान के साथ यह समझौता करीब दो दशकों में ओमान का पहला बड़ा व्यापारिक करार होगा। इससे पहले उसने 2006 में अमेरिका के साथ FTA किया था। 2020 के बाद से ओमान में भारतीय निवेश तीन गुना बढ़कर 5 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जो यह बताता है कि खाड़ी देशों में भारत की पकड़ कितनी मजबूत हो रही है।
डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका को संदेश
इस समझौते की गूंज सिर्फ खाड़ी देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी धमक अमेरिका तक सुनाई दे रही है। जिस तरह से भारत मुस्लिम देशों और अफ्रीकी देशों के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ा रहा है, उससे अमेरिका को अपनी कम होती अहमियत का अहसास होने लगा है।
दिलचस्प बात यह है कि जो डोनाल्ड ट्रंप पहले भारत पर Tariff को लेकर सख्त बयान देते थे, अब वही भारत की बदलती ताकत को देखकर सुर बदल रहे हैं। हाल ही में ट्रंप ने पीएम मोदी को अपना “महान मित्र” बताया और भारत को इंडो-पैसिफिक में प्रमुख Strategic Partner करार दिया। जानकारों का मानना है कि ओमान के साथ यह डील अमेरिका को यह साफ संदेश है कि भारत किसी एक गुट का मोहताज नहीं है, बल्कि वह अपने हितों पर रिश्ते बनाता है।
इथियोपिया में दिखी गजब की केमिस्ट्री
मस्कट पहुंचने से पहले इथियोपिया में भी पीएम मोदी का भव्य स्वागत हुआ। वहां उन्होंने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया, जो उनके द्वारा संबोधित की गई दुनिया की 18वीं संसद थी। उनकी विदाई के वक्त एक भावुक पल भी आया जब इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली ने प्रोटोकॉल तोड़कर खुद कार ड्राइव की और पीएम मोदी को विमान तक छोड़ने आए। यह घटना बताती है कि वैश्विक मंच पर भारत की स्वीकार्यता किस हद तक बढ़ चुकी है।
क्या है पृष्ठभूमि
भारत और ओमान के बीच इस FTA पर बातचीत नवंबर 2023 में शुरू हुई थी, जो अब जाकर परवान चढ़ी है। ओमान भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से भी अहम है क्योंकि भारत के आयात में वहां से आने वाले पेट्रोलियम उत्पाद और यूरिया की हिस्सेदारी 70% से ज्यादा है। यह समझौता दोनों देशों के बीच भरोसा और व्यापार संतुलन को साधने का काम करेगा।
मुख्य बातें (Key Points)
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मस्कट में पीएम मोदी की मौजूदगी में ऐतिहासिक Trade Agreement पर हस्ताक्षर।
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Textile, ऑटो और ज्वेलरी सेक्टर को मिलेगा बड़ा फायदा, कस्टम ड्यूटी में होगी कटौती।
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भारत की स्वतंत्र विदेश नीति से अमेरिका और ट्रंप के रुख में आया नरम बदलाव।
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ओमान में भारतीय निवेश 5 अरब डॉलर तक पहुंचा, द्विपक्षीय व्यापार 10.5 अरब डॉलर पार।






