नई दिल्ली, 30 जुलाई (The News Air)
साइबर हमलों के लिए से भारतीय कंपनियों के लिए पिछला 6 महीना बुरा गुज़रा है। इस दौरान एक कंपनी को हर हफ़्ते औसतन 1,738 बार साइबर अटैक का सामना करना पड़ा। जबकि दुनियाभर में साइबर हमले का ये आंकड़ा 757 ही रहा। इस लिहाज़ से भारतीय कंपनियों पर दुनिया में सबसे ज़्यादा हमले हुए। चेक पॉइंट रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत में सबसे ज़्यादा साइबर अटैक रिसर्च एजुकेशन, मिलिट्री, इंश्योरेंस और हेल्थ सेक्टर की कंपनियों में देखने को मिले।
भारत में पिछले 6 महीने में पर होने वाले साइबर अटैक में 29% की बढ़ोतरी देखने को मिली है। ये साइबर अटैक यूरोप, मध्य पूर्व और अफ़्रीका के देशों में हुए हैं। अमेरिका और एशिया प्रशांत में भी बड़े स्तर पर साइबर अटैक हुए हैं। कंपनियों पर होने वाले रैनसमवेयर अटैक में 93% की बढ़ोतरी हुई है। अन्य देशों के मुक़ाबले हैकर्स के लिए भारत सबसे बड़ा बाज़ार रहा है।
साइबर सिक्योरिटी फर्म चेक पॉइंट ने ‘साइबर अटैक ट्रेंड: 2021 मिड ईयर’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें तमाम तरह की कंपनियों जैसे सरकारी, स्वास्थ्य और अन्य पर होने वाले साइबर अटैक के बारे में जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक़ केवल अमेरिका में होने वाले साइबर अटैक में 17% की बढ़ोतरी हुई है। यहां हर हफ़्ते औसतन 443 साइबर हमले हुए।
वहीं यूरोप में इसमें 27% की बढ़ोत्तरी हुई है। यूरोप में हर सप्ताह किसी संस्थान पर औसतन 777 बार साइबर अटैक हुए हैं, जबकि लैटिन अमेरिका में 19% की बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका और एशिया पेसिफिक के देशों में हर हफ़्ते किसी संस्थान पर औसतन 1,338 बार साइबर अटैक हुआ है जो कि इस साल के शुरुआती महीनों से 13% ज़्यादा है।
चेक पॉइंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि रैनसमवेयर अटैक में भी बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि किसी कंपनी के सिस्टम को हैक करके डाटा चोरी करना और डाटा के बदले पैसे वसूलना हैकर्स के लिए आम बात हो गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हैकर्स अब नए तरह के मैलवेयर जैसे -Trickbot, Dridex, Qbot और IcedID का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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