India Bangladesh Relations News भारत और बांग्लादेश के बीच जारी कूटनीतिक तनाव के बीच एक उम्मीद की किरण दिखाई दी है। भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने एक चौंकाने वाला और सकारात्मक बयान देकर दोनों देशों के रिश्तों को एक नया मोड़ दे दिया है। उन्होंने साफ कहा कि वे बांग्लादेश को मित्र मानने की अपनी इच्छा पर कायम हैं और उम्मीद करते हैं कि पड़ोसी देश में हालात जल्द सुधरेंगे।
गौरतलब है कि शेख हसीना की सरकार गिरने और उन्हें सजा मिलने के बाद से बांग्लादेश का रुख भारत के प्रति आक्रामक रहा है। कभी सीमा विवाद तो कभी शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग को लेकर दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ी है। ऐसे समय में नौसेना प्रमुख का यह बयान काफी मायने रखता है।
‘दोस्ती पर नौसेना प्रमुख का भरोसा’
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, “हमें इंतजार करना होगा। बांग्लादेश में अभी चुनाव होने हैं, इसलिए हमें अपनी टिप्पणियों को सुरक्षित रखना चाहिए। हम बांग्लादेश को मित्र के अलावा कुछ और नहीं कहेंगे, क्योंकि यह केवल एक अस्थायी और परिवर्तनशील चरण हो सकता है।”
उन्होंने दोनों देशों के बीच गहरे सैन्य संबंधों का हवाला देते हुए बताया कि भारत अब भी बांग्लादेशी कर्मियों को प्रशिक्षण दे रहा है। एडमिरल ने अपना पदभार संभालने के बाद पहली यात्रा के लिए बांग्लादेश को ही चुना था, जो दोनों देशों के बीच पुरानी और गहरी दोस्ती का प्रतीक है।
‘बांग्लादेश के सुर भी पड़े नरम’
सिर्फ भारत ही नहीं, बांग्लादेश की तरफ से भी अब नरमी के संकेत मिल रहे हैं। भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त एम रियाज हमीदुल्ला ने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते ‘जीरो सम गेम’ (Zero Sum Game) की मानसिकता से नहीं चलते।
उन्होंने स्वीकार किया कि दो बड़े और पड़ोसी देशों के बीच चुनौतियां स्वाभाविक हैं, लेकिन बांग्लादेश हमेशा संवाद और वार्ता पर भरोसा करता है। हमीदुल्ला ने कहा कि भारत और बांग्लादेश साझा इतिहास, संस्कृति और भूगोल से जुड़े हैं, और जनता के बीच का यह बंधन अटूट है।
‘पाकिस्तान की ओर झुकाव पर भारत की नजर’
हालांकि, भारत की नजर इस बात पर भी है कि बांग्लादेश हाल के दिनों में पाकिस्तान के करीब जाता दिख रहा है। शहबाज शरीफ सरकार के साथ बढ़ती नजदीकियां और भारत विरोधी बयानबाजी चिंता का विषय रही हैं। लेकिन अब दोनों तरफ से आ रहे सकारात्मक बयानों से लगता है कि कूटनीतिक स्तर पर बर्फ पिघलने लगी है।
जानें पूरा मामला
शेख हसीना के सत्ता से हटने और भारत में शरण लेने के बाद से ढाका और नई दिल्ली के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की थी और भारत विरोधी तेवर दिखाए थे। लेकिन अब दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के बयानों से लगता है कि वे पुरानी दोस्ती को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने बांग्लादेश को मित्र बताया और रिश्तों में सुधार की उम्मीद जताई।
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उन्होंने कहा कि मौजूदा तनाव एक अस्थायी चरण है और चुनाव के बाद स्थिति बदल सकती है।
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बांग्लादेशी उच्चायुक्त ने भी रिश्तों को ‘जीरो सम गेम’ से परे बताया और संवाद पर जोर दिया।
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शेख हसीना के मुद्दे पर तनाव के बावजूद दोनों देश सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर संपर्क में हैं।






