India Bangladesh Border Sealed News : पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में चल रही भारी राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा की खबरों के बीच भारत ने अपनी पूर्वी सीमाओं पर सुरक्षा का घेरा अभेद्य कर दिया है। भारतीय सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी ने हाल ही में त्रिपुरा और मिजोरम का दौरा किया और सीमा पर तैनात जवानों की तैयारियों को परखा। हालात को देखते हुए सीमाओं पर चौकसी इतनी बढ़ा दी गई है कि परिंदा भी पर न मार सके।
लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी ने भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे अग्रिम मोर्चों का खुद निरीक्षण किया और जमीनी हालात की गहराई से समीक्षा की। वैसे तो सेना के सूत्रों ने इस दौरे को एक ‘रूटीन विजिट’ बताया है, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो यह सामान्य दौरे से कहीं ज्यादा अहम है। बांग्लादेश के मौजूदा हालात को देखते हुए यह यात्रा रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
5 राज्यों की सीमाएं ‘सील’ जैसी स्थिति में
सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेश से सटे भारत के पांच सीमावर्ती राज्यों—पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय, असम और मिजोरम—में सुरक्षा व्यवस्था को लगभग ‘सील’ जैसी स्थिति में रखा गया है। सीमा पर तैनात सभी सुरक्षा बलों को ‘हाई अलर्ट’ मोड पर रहने को कहा गया है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना, बीएसएफ (BSF) और खुफिया एजेंसियों के बीच आपसी तालमेल को पहले से कहीं ज्यादा मजबूत कर दिया गया है।
रात में ड्रोन से होगी निगरानी
पूर्वी कमान प्रमुख ने मिजोरम के परवा सेक्टर का भी दौरा किया, जो सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है। उन्होंने जवानों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि चौकसी और गश्त में किसी भी स्तर पर जरा सी भी ढिलाई नहीं होनी चाहिए। बदलते हालात को देखते हुए अब सीमाओं पर तकनीकी निगरानी बढ़ाई जा रही है। खास तौर पर रात के समय गश्त तेज करने और ड्रोन के जरिए चप्पे-चप्पे पर नजर रखने पर जोर दिया गया है, ताकि अंधेरे का फायदा उठाकर कोई घुसपैठ न कर सके।
विश्लेषण: यह सिर्फ दौरा नहीं, कड़ा संदेश है
लेफ्टिनेंट जनरल का यह दौरा महज एक निरीक्षण नहीं है, बल्कि यह एक कड़ा रणनीतिक संदेश है। जब पड़ोसी देश में अराजकता हो, तो शरणार्थियों की भीड़ या असामाजिक तत्वों की घुसपैठ का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे संवेदनशील समय में शीर्ष सैन्य अधिकारी की बॉर्डर पर मौजूदगी न केवल हमारे जवानों का मनोबल बढ़ाती है, बल्कि सीमा पार बैठे तत्वों को भी यह चेतावनी देती है कि भारत अपनी सुरक्षा से रत्ती भर भी समझौता नहीं करेगा। यह भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाता है।
घने जंगलों और पहाड़ों की चुनौती
भारत और बांग्लादेश के बीच करीब 4096 किलोमीटर लंबी सीमा है, जो पांच राज्यों से गुजरती है। इसमें पश्चिम बंगाल के साथ सबसे लंबी सीमा लगती है। लेकिन मिजोरम और मेघालय के इलाके सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण हैं क्योंकि यहां की सीमाएं घने जंगलों, ऊंची पहाड़ियों और दुर्गम रास्तों से होकर गुजरती हैं। मिजोरम की सीमा बांग्लादेश के ‘चटगांव हिल ट्रैक’ से लगती है, जो भौगोलिक रूप से बहुत कठिन इलाका है। ऐसे रास्तों पर तस्करों और उग्रवादियों की नजर रहती है, इसलिए यहां अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
जानें पूरा मामला
बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से चल रहे राजनीतिक संकट और हिंसा ने भारत की चिंताएं बढ़ा दी हैं। डर है कि वहां के हालात का फायदा उठाकर उपद्रवी तत्व या भारी संख्या में शरणार्थी भारत में घुसने की कोशिश कर सकते हैं। इसी खतरे को भांपते हुए भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई हैं और बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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हाई अलर्ट: त्रिपुरा और मिजोरम समेत 5 राज्यों की सीमाओं पर सुरक्षा ‘सील’ जैसी स्थिति में है।
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शीर्ष दौरा: पूर्वी कमान के प्रमुख आरसी तिवारी ने अग्रिम मोर्चों का निरीक्षण किया।
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तकनीकी निगरानी: रात की गश्त के साथ-साथ अब ड्रोन से भी बॉर्डर की निगरानी की जाएगी।
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भौगोलिक चुनौती: मिजोरम और मेघालय के दुर्गम जंगलों वाले रास्तों पर विशेष फोकस रखा गया है।






