46/90 की लड़ाई में BJP के सामने गढ़ बचाने की चुनौती, कांग्रेस-AAP की लगी नजर

0

हरियाणा,10 सितंबर,(The News Air): हरियाणा इस दफा किसे जीत का हार पहनाएगा फैसला 8 अक्तूबर को होगा। सभी सियासी दल फूंक फूंक कर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर रहे हैं। बीजेपी अब तक 67 और कांग्रेस 41 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है। लेकिन सबसे अधिक बगावत बीजेपी में देखी गई। इन सबके बीच कांग्रेस के साथ आप का गठबंधन होगा या नहीं इस पर पुख्ता तौर पर दोनों दल कुछ नहीं बोल रहे हैं। लेकिन आप आदमी पार्टी ने 20 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। यहां दो सवाल है कि अगर 12 सितंबर से पहले कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन होता है तो बीजेपी किस तरह से मुकाबला करेगी। अगर सभी 90 सीटों पर आप के उम्मीदवार चुनावी ताल ठोंकते हैं तो बीजेपी, कांग्रेस और खुद आम आदमी पार्टी के लिए किस तरह की तस्वीर बनेगी।

हरियाणा की मौजूदा राजनीतिक तस्वीर समझने के लिए साल 2014 और 2019 की तरफ चलना होगा। साल 2014 में बीजेपी को पूर्ण बहुमत और 2019 में 40 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी। बीजेपी की इस कामयाबी में उत्तरी हरियाणा के आठ जिलों की खास भूमिका थी। इन जिलों में फैली 31 विधानसभा में से 16 सीट पर बीजेपी को कामयाबी मिली थी। ये आठों जिले गैर जाट बहुल हैं और बीजेपी इसे अपना गढ़ मानती है। पिछले 10 साल की सत्ता विरोधी लहर को आप ऐसे समझ सकते हैं कि आम चुनाव 2024 में अंबाला सीट बीजेपी हार गई। इसे ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी इस दफा दक्षिण हरियाणा की जगह उत्तर हरियाणा से चुनावी प्रचार का आगाज करने वाले हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक 14 सितंबर को कुरुक्षेत्र में जनसभा को संबोधित करेंगे। इससे पहले वो अहीरवाल बेल्ट यानी दक्षिण हरियाणा से चुनावी बिगुल फूंकते नजर आए हैं।

उत्तर हरियाणा में पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कैथल, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों में गैर जाज मतदाताओं की संख्या अधिक है। इन्हें बीजेपी का कोर वोटर्स माना जाता है। अगर सीएम नायब सिंह सैनी की बात करें तो इस दफा वो कुरुक्षेत्र के लाडवा से चुनावी मैदान में हैं और इस बात की संभावना है कि उन्हें कड़ी टक्कर मिल सकती है।

0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments