• About
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • Disclaimer & DMCA Policy
🔆 शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025 🌙✨
The News Air
No Result
View All Result
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
  • स्पेशल स्टोरी
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
The News Air
No Result
View All Result
Home NEWS-TICKER

India में ‘हम दो हमारे दो’ का Future खतरे में! Youth बोले – No Job, No Baby

भारत में युवाओं की नई सोच: प्रजनन की राह में आर्थिक और सामाजिक चुनौतियां बनी दीवार

The News Air by The News Air
मंगलवार, 10 जून 2025
A A
0
Indian Youths sees job insecurity and housing constraints as concerns in having kids
104
SHARES
696
VIEWS
ShareShareShareShareShare
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now

Fertility Crisis in India : भारत (India) में बढ़ती Fertility Crisis अब एक गंभीर सामाजिक और आर्थिक मुद्दा बन गई है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (United Nations Population Fund – UNFPA) की हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, युवा भारतीय अब पारंपरिक सोच ‘हम दो, हमारे दो’ से पीछे हटते नज़र आ रहे हैं।

मंगलवार को जारी की गई विश्व आबादी की स्थिति 2025 रिपोर्ट (‘The State of World Population – SWOP 2025’) में बताया गया है कि भारत (India) सहित 14 देशों के 14,000 लोगों पर हुए ऑनलाइन सर्वे में यह बात सामने आई कि भारत में प्रजनन स्वतंत्रता (Reproductive Freedom) सबसे बड़ी बाधा आर्थिक सीमाएं (Financial Constraints) हैं। भारत से सर्वे में शामिल 1,048 लोगों में से 38 प्रतिशत ने बताया कि आर्थिक समस्याएं उन्हें मनचाहा परिवार शुरू करने से रोकती हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नौकरी की असुरक्षा (Job Insecurity – 21%), सीमित आवास (Limited Housing – 22%) और बच्चे की देखभाल की सुविधाओं की कमी (Lack of Reliable Childcare – 18%) युवाओं को माता-पिता बनने से रोक रही है। इसके साथ ही सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं (Poor Health – 15%), बांझपन (Infertility – 13%) और गर्भावस्था सेवाओं की सीमित उपलब्धता (Limited Access to Maternity Care – 14%) भी अहम बाधाएं बन रही हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन (Climate Change), राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता (Political and Social Instability) जैसे कारण भी युवाओं को संतान पैदा करने से हतोत्साहित कर रहे हैं। 19 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि उन पर अपने जीवनसाथी या परिवार की ओर से कम बच्चे पैदा करने का दबाव भी होता है।

यह भी पढे़ं 👇

Mandhana-Palash Wedding Rumors

Mandhana-Palash Wedding Rumors: पलाश की बहन Palak Muchhal ने तोड़ी चुप्पी, बताया क्या है सच!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
IndiGo Crisis Explainer

IndiGo Crisis Explainer : सरकार क्यों झुकी IndiGo के सामने? कमेटी के नाम पर धोखा! लूटे गए हजारों यात्री!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Muslim Burial Rights Japan

Japan में मुस्लिमों को दफ़नाने पर रोक! Mizuhou Umemura का सबसे बड़ा बयान, Big Controversy!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Jaw Dislocation Golgappa

Golgappa खाने से खिसका महिला का जबड़ा, Jaw Dislocation से बचने के लिए बरतें सावधानी

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025

UNFPA ने यह भी रेखांकित किया कि महिलाओं को अब भी प्रजनन संबंधी फैसले लेने की पूरी स्वतंत्रता नहीं है। भारत के कुछ राज्यों जैसे बिहार (Bihar), झारखंड (Jharkhand) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में प्रजनन दर उच्च है, जबकि दिल्ली (Delhi), केरल (Kerala) और तमिलनाडु (Tamil Nadu) जैसे राज्यों में यह दर प्रतिस्थापन स्तर (Replacement Level) से भी नीचे है। प्रतिस्थापन दर वह न्यूनतम दर है जो जनसंख्या को स्थिर बनाए रखने के लिए आवश्यक होती है।

UNFPA इंडिया की प्रतिनिधि एंड्रिया एम. वोजनार (Andrea M. Wojnar) के अनुसार, “भारत ने 1970 के दशक में प्रति महिला औसतन 5 बच्चों से लेकर अब 2 बच्चों तक की यात्रा तय की है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। लेकिन जब तक हर व्यक्ति को प्रजनन निर्णय लेने की आज़ादी और संसाधन नहीं मिलते, तब तक असली जनसांख्यिकीय लाभ नहीं मिल सकता।”

रिपोर्ट यह स्पष्ट संकेत देती है कि आने वाले वर्षों में भारत की जनसंख्या स्थिर होने की ओर बढ़ रही है और यदि सामाजिक व आर्थिक असमानताओं को दूर नहीं किया गया, तो देश को जनसंख्या संतुलन बनाए रखने में गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now

Related Posts

Mandhana-Palash Wedding Rumors

Mandhana-Palash Wedding Rumors: पलाश की बहन Palak Muchhal ने तोड़ी चुप्पी, बताया क्या है सच!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
IndiGo Crisis Explainer

IndiGo Crisis Explainer : सरकार क्यों झुकी IndiGo के सामने? कमेटी के नाम पर धोखा! लूटे गए हजारों यात्री!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Muslim Burial Rights Japan

Japan में मुस्लिमों को दफ़नाने पर रोक! Mizuhou Umemura का सबसे बड़ा बयान, Big Controversy!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Jaw Dislocation Golgappa

Golgappa खाने से खिसका महिला का जबड़ा, Jaw Dislocation से बचने के लिए बरतें सावधानी

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Kangana Ranaut

PM Modi Sanatan Brand Ambassador: ‘पुतिन गीता पढ़ेंगे तो भारत से रिश्ता और गहरा होगा’

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Gold Silver Price Today

Gold Silver Price Today: सोने-चांदी के दाम धड़ाम, शादी वाले घरों में लौटी मुस्कान

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
The News Air

© 2025 THE NEWS AIR

The News Air

  • About
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • Disclaimer & DMCA Policy

हमें फॉलो करें

No Result
View All Result
  • प्रमुख समाचार
    • राष्ट्रीय
    • पंजाब
    • अंतरराष्ट्रीय
    • सियासत
    • नौकरी
    • बिज़नेस
    • टेक्नोलॉजी
    • मनोरंजन
    • खेल
    • हेल्थ
    • लाइफस्टाइल
    • धर्म
    • स्पेशल स्टोरी
  • राज्य
    • चंडीगढ़
    • हरियाणा
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • महाराष्ट्र
    • पश्चिम बंगाल
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • उत्तराखंड
    • मध्य प्रदेश
    • राजस्थान
  • वेब स्टोरीज

© 2025 THE NEWS AIR