2022 में 53% बढ़े फांसी दिए जाने के मामले, जानें भारत और पाकिस्तान का हाल

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पाकिस्तान

Amnesty Report: दुनिया भर में फांसी की सजा में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. एक साल पहले की तुलना में साल 2022 में 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट जारी कर ऐसा दावा किया. रिपोर्ट के अनुसार, ईरान और सऊदी अरब में फांसी की सजा में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 

वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, एशिया में सबसे ज्यादा मौत की सजा देने के मामले में इंडोनेशिया सबसे ऊपर है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2022 में मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में 70% फांसी ईरान में दिए गए हैं, ईरान में साल 2021 में 314 लोगों को सजा ए मौत सुनाई गई थी, जो साल 2022 में 83% बढ़कर 576 हो गया.

सऊदी अरब में भी बढ़ गए फांसी के मामले 

वहीं सऊदी अरब में साल 2021 में फांसी की संख्या 65 थी लेकिन एक साल के अंतराल में यह बढ़कर 196 हो गई. साल 2022 में फांसी की संख्या सऊदी में तीन गुनी पहुंच गई. 2021 की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि कुवैत, म्यांमार, फिलिस्तीन, सिंगापुर और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी दर्ज की गई है. साल 2021 में 18 देशों में 579 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन एक साल बाद 20 देशों में कुल 883 लोगों को मौत की सजा दी गई है.रिपोर्ट के अनुसार,  चीन, उत्तर कोरिया और वियतनाम सहित कई देशों में मृत्युदंड के बारे में सटीक आंकड़ें नहीं हैं. ये देश इस तरह के मामलों को छुपाने में सफल रहे हैं.

भारत और पाकिस्तान का हाल 

रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में इंडोनेशिया में 112 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई, इसमें 94% लोग ऐसे थे जिन्हें नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों में संलिप्त पाया गया था. वहीं बांग्लादेश में कम से कम 169 लोगों को मौत की सजा सुनाई, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे ज्यादा है, इसके बाद भारत में 165 और पाकिस्तान में 127 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई. मालूम हो कि इंडोनेशिया में हत्या, आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे अपराधों के लिए मौत की सजा है, वर्तमान में इंडोनेशिया में 450 से अधिक मौत की सजा वाले कैदी हैं.

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